पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/२२९

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दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह

श्र

याद बह जरनत्ञ स्मद्स से भी मिले थे। जरनत रमटूस मेंउहें संधिकर्ता स्वोकार किया तव मि० कार्टराइट कौम के

मिल्ले। पर उन्होंने यद्दो उत्तर दिया कि हम लोग कदूत की

घारीकियों को नहीं जानते | गांधी जेश मेंहैं, जब तक बह 2

नहीं दिये जाते इस विषय में कोई सल्ाइ--मशविरा करना हमे

अनुचित सममते हैं।हम सुलह वो चाहते हैंपर यदि हमार आदम्ियों को बिना छोड़े ही सरकार सुलन्नह करना चाहती

तो गांधी जाने। आप गांधों सेमित्रें। वह जो कहेगा हम सई

सन्‍्जूर करेंगे ।इस पर अत्बर्ट क्राटराइट मुझसे मिलते के हिए आये। साथ ही बरनत्ञ स्मट्स का बताया-अथवा परदे किया हुआ सममीते का ससविदा भी लाये थे |उसकी भाषा

गोलमाक्ष थी। वह मुके पसन्द नहों आयी। तथापि एक जगई

जुछ दुरुत्ती करने पर मेंउसपर दर्तलत करने के लिए पेयाए

हो गया। पर मैंने कह कि भेर॑ बाहरबाले यदि इसे भार तो भी मैं इस पर तबतक दत्वखद नहीं कर सकता जवतक

केसाथियों की आज्ञा अथवा सम्मृति भी में श्राप्त नहीं कर

शेंता। समकौते का सार हस प्रद्चार था। “भारतीय खेच्चापूपर

अपने परवाने बदलवा लें। उनपर कानून का कोई अधिकार डोगा। नवीन परवाना मारतोयों की सह्ाह सेसरकार बनावें। थौर यदि इसे भारतीय स्ेच्चापूरषक ले हेंवब तो खूनी काबू

रह हो ही जायगा और स्वेच्छापूषक लिये गए नवीन परवार्तों को

कानूनन, करार देतेके लिए सरकार एक नया कानून बनालेगी ।”

खली कानून को रद करने ही बात इस भ्विदे में पट नं

लिली गयी थी। उसे सष्ट करने के लिए मैंने अपनी समभ के

जेपे दक्ष सुधार की सूचना को। पर अल्बटटे कर्टगाहट पसन्द नहीँ किया | उन्होंने कद्दा “जनरत

र्मटस का