पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/२५८

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श्‌घ३

गोरे सहायक

फम सेवा नहीं की |फिनिक्स मेंरहनेवाले बालशिष्यों को रखना,

उन्हेंअंग्रजीपढ़ाना, सावजनिक पाकशाला में रसोई करना,

मकानों फो साफ रखना, किताबें संभालता, छापाखाने में टाइप जमाना ( कम्पोज करना ), तथा छापखाने का अन्य काम

करना आदि सब काम बेकरती थीं। इन कामों में से कमी एक काम के लिए भी इस सहिल्ला ने आनाकानी नहीं की। आजकल वह फिनिक्स मेंनहीं हैं। पर इसका कारण यह हे कि

भेरे भारतवर्ष लौद आने पर उनका हल्का-सा भार भी छापखाना नहीं उठा सकता था। बेध्ट कीसास की अवस्था इस समय

८० बर्ष सेभीअधिक की होगी। वह सिलाई का काम बहुत अच्छा जानती हैं।और ऐसे काम मेंइतनी बयोच॒द्धा महिला

भी पूरी सद्दायता करतो थी । फिनिक्स में उन्हें सब दादी

( प्रेती )कदृदते थे और उतका बड़ा सम्मान करते थे। मिसेज्ञ बेस्ट के विषय मेंतो कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं है| जब फिनिक्स मेंसे बहुत पे श्रादमो जेल चल्ते गये तब वेम्डऋुटुस्ध ने मगनत्ञाज्ञ गाधी के माथ मिज्ञ कर फिनिक्स का सब ऋाम्रकाज संभाल लिया था । पत्र और छापखाने का बहुत-सा

काम बेश्ट करते थे। मेरी तथा अन्य लोगों की अनुपर्थिति में

गोखले को तार बगेरा भेजना द्वोता तो पेस्ट द्वी भेजते । अन्त में चैस्ट भी पकड़े गये (पर वे फौरन ही छोड़ दिये गये थे )तब

गोखले घबराये.। और एन्ड्यूज तथा पियसेन को उन्होंने भेज्ञा | दूसरे हैंरिच । उनके जिपय मेंपहले शिख चुका हूँ) वेभी युद्ध के पहले ही मेरे दफ्तर में आ गये थे | मेरे बाद मेरा काम

संभालने फे उद्देश्य से वे चेरिस्टर होने केलिए विज्ञायत गये थे। यहाँ पर कमिटी की तमाम जिम्मेदारी उन्हींके सिर पर थी।

तीसरे मिन्न पोक्षक हैं।।वेस्ट की तरह इनके साथ भी मेरा