पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/२६३

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दर्दिय भ्रफ्रीका का सत्याग्रह

र्प्

और सत्याग्रहियों केहृदय पर उसने जो अधिकार मरा कर लिया था उसका पता था तथापि उसने मिस झोतीत

गिरफ्तार नहीं किया |और इसमें उसने सचमुच बुद्धि विचेक से दी काम लिया। मिस श्लेज़ीन नेकभी अपने बेःके सवा छः पौड होने की न तो इच्छा ही की और न कुछ कहा हक उत्तकी कितनी ही आवश्वक्ताओं का जब मुम्ेपवा लगाव

मैंते इनके दस पोंड कर दिये। उन्होंने वढी द्विचकचाहट के साथ उसको स्वीकार किया पर उससे आगे बढ़ाने का तो साफ इस्कार कर दिया उन्होंने कह्टा-/'इससे अधिक की मुझे आवश्यकता ही नहीं और यदि इतने पर भी ले दो वो र्ित उहेश से मैंश्रापके पास आयी हूँवह्दी व्यय हो जाव। ” इस

उत्तर के आगे मेंचुप हो गया। पाठक शायद यह बानने

मिस रतेजीन तेकहाँतकशिक्षा पायी लिए उत्सुक दोरहेहोंगे कि

थी ?वे केप यूनीबर्सिटी कीइन्टरमीजिएट परीक्षा मेंउच्ीण हो

चुकी थीं। शा्टहैंढ वगैरा मेंपहले दरें के प्रमाणपत्र प्राप्त किये थे। युद्ध से मुक्त होने पर थे उसी यूनीवर्सिटी की श्रेज्युएट हुई

कर इस समय ट्रान्सवाल की किसी कन्या पाठशाला भे

प्रधानाध्यापिका हैं। हवेट किचन एक शुद्ध:हदय अग्रेज़् थे!वे विजली का काम-काज करते थे |वोअर युद्ध में इन्होंने हमारे साथ काम दिया ! कुछ समन्न तक वे हसण्डियन ओपीनियन! के संपादक

भी रहेथे। उन्होंने मृत्यु तक जह्चये का पाज्षन किया या।

ऊपर जिनका परिचय देचुका वेतो मेरे खास परिचय में

आये हुए हैं।उन्हें ट्रान्सवाल के अप्रगण्य गोरों में नहीं गित

सकते | तथापि यह कहा जा सकता हैकि उत्दोंने बड़ी

  • सद्दायता की |