पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/२६५

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दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह से साफ इन्कार कर दियार इसपर गोरों ने उनके बदन पर हाथ डालने को धमकी भी दो तथापि वे टाउनहाल में उसी प्रकार नरसिंह को तरह गरभवं रहे। आखिर ममा को अपना प्रस्ताव चिना हो पास किये ठा पड़ा। और भी कई ऐसे गोर्गे का नाम में गिना सकता हूँ, जो किमो सस्था में शामिल तो न थे पर सहायता करने का एक भी अवसर खाली नहीं जाने देते थे। पर अब इस अध्याय अधिक बढ़ाना ठोक नहीं समझता। केवल तीन स्त्रियों का परि चय देकर अथ में इसे समाप्त कर देता हूँ। में इस युद्ध स्टेड को पहली महिला है मिस हाय हाउस। लार्ड हॉन हाउस की पुत्री हैं। बोअर युद्ध शुरू हुआ तब यह महिला लार्ड मिल्लर के सामने से होकर ट्रान्सवाल पहुँची थी। लब लाई किचता न अपनी संसारप्रसिद्ध और जगत्मास कांसेन्ट्रेशन कैंप, ट्रांसबाद और फोस्टेट में बैठायी उस समय यह महिला अकेली वोअरे औरतो में घूमती और उन्हें दृढ़ रहने-चारज रखने के लिए उर वेश करतो और उत्साह देती। वह स्वयं मानती थी कि में भेजों को ओर न्याय नहीं है, इसलिए स्वर्गीय तरह परमात्मा से प्रार्थना करती थी कि इस युद्ध में अप्रेजों का पराभव हो जाय। इस प्रकार दोअरों को सेवा करने पर अब उसने देखा कि जिस अन्याय के खिलाफ बोचर लोग लड़े थे, वैसा हो अन्याय अचान के कारण वे ही अब भारतीयों के प्रति कर रहे हैं तब उससे नहीं रहा गया। बोअर जनता उसका बड़ा सन्मान करती थी। और उनपर बहुत प्रेम रखवो थी। जनरल बोया के साथ उसका बहुत निकट संबंध था। उन्होंके यहाँ नह ठहरती थी खूनी कानून रद करवाने के लिए उसने अपनी ओर से कुछ उठा न रक्खा |