पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/२९१

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युद्ध की पुनरादृत्ति एक तरफ तो जनर्ञ स्मट्स से यद श्रदुगेध क्रिया जा रद था, कि वे समझीते की शर्तों कापालन करे । [धर दूसरी ओर

कौम को पुन' जागृत करने का काम जोरों सेजारी था। और पाया

यह गया कि प्रश्येक जगह परेयरुद्वं फिर शुरू करने, तथा जेल जनि के लिए लोग तैयार मिलने लगे। सब जगह फिर से मभाये शुरू कर दी गई | सरकार भर कौम के बीच जो पत्र"्यवह्वार जे था, उसे समझाया गया । 'इण्डियन-ओपीनियन! मे तो दर सप्ताई का रोजनामचा छप रद्द था। इसलिए कौम सब बातों से

तरह बाकिफ रदहृती। सबको समभा दिया गया कि ऐच्ड्रिक परवाने

निरथेद् साबित होंगे ।अगर किसी न किसी तरद खूनी काबू

रद न हो पाया, तो हमे उन परवानों को जला हीदेना 'चार्दिए जिससे स्थानीय सरकार समझ ले कि कौम अपने निश्चय पर

अटल है, निश्चिन्त है, बल्कि जेल जाने तक के लिए तैयार दे |

और इसी हेतुसेप्रत्येक जगदद से परवाने भी इकहे छिये जारदे थे । सरकार की तरफ से उस मसबिद्रे को मंजूर करने की तेयारिया होने लगीं, जिसका हाज्न हम पिछले,प्कर॒ण में,पद चुके दे,। टासबाल की घारा-सभा की बेठक शुरू हुई । कोम्त नेउसमे भी