पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/३३५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

६०

दत्षिण अफ्रिका का संत्यामह

स्मदस बगैरा तो पहले दी से जा पहुँचे थे। नेटाल की से भी एक जुदा हेप्पदेशन इस समय इंग्लेण्ड को गया था। पर यह सत्याग्रह से कोई सम्बन्ध नहीं रखता था । नेटाल्न मे उनकी जो खास कठिनाइयाँ थीं, उनसे वह सम्पन्ध रखता था।

इस ससयज्ञार्दऋ इनरियासतों के स्त्री थे । और लाई

मोल भारत-सचिव थे। खूब चर्चा हुई और अनेकों लगें से

इम मिल्ते-जुज्े ।च वो ऐसे एक भी अध्यक्ष को हमने वाकीखा था और न साधारण या उसराबों की सभा के किसी ऐसेसम को इसने छोडा था, जिसे हम मित्र सकते ये ! हाढे एम्द्दिए नेहमारी अतीम सद्ययवा की । सि० मेरीमेन और जनरक्ष वोधा

अत मे जनरल वोया कीतरफसे से वह हमेशा मिलते रहते थे । बह एक संदेश लाये। उन्होंने कद्वा--/जनरत् वोथा आपके मात कोसममते हैं। वह आपकी फुटकर माँग झबूलकरने के लिए तेयार हूँ। पर एशियाटिक कानून को रू

तथा एंप्िर

अ्रफ्रिका मेंनवीन भानेवालों के सम्बन्धमेंजो कानून है, सम

जराभीपरिवर्तन करनेकेलिएवहतैयार नहीं है।वह उस कहे"

गोरेकेभेद कोरदकरनानहींचाहते जोफानुनकेअन्दरहै और जिसे रद करने के लिए आप दरख्वास्त कर रहेहैं। जनरत

योथा इस बाद को बदौर सिद्धान्त के मानतेहैंकि बह. भेद गे अवश्य ही रस्खा जाय। पर यदिक्षणमरफेलिएमानलिया जे

कि वह इसेमंजूर भी करलेंकि उसे रद करदेना ठीक है,गो भी

इस वाव को दक्षिण अफ्रिछ्ा के गोरे कमी गवारा नहींकर सकंगे ! यद्दी मत जनरल स्मट्स का सी है। उन दोनों साहा

यद्द बात अपने श्रालिरी निर्णय के बतौर कद्दी, और आपको

सममाने के लिए भी कहा हैकि यदि इससे अधिक आप माँगेंगे वो आपको तथा आपकी कोम को भी झुसीबर्ते झेलनी होंगी।