पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/३४२

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टॉल्स्टॉय फार्म

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'ैलने से वो सत्याप्रदी भीबिचलित हो जाय | भूखों मर फर' ओऔर अपने प्रियजनों फो भूलों मारकर युद्ध फरने चाले संसार में बिरले ही मिल सकेंगे ।

आज तक तो जेल जानेवालों फे कुटम्त्रों कापोपण उनको प्रति भास द्रव्य देकर फिया जाता था। सबको अपनी अपनी आवश्यकता-

नुसार दिया जाता था--चिउंटी यो कण और हाथी को मन। सबको

एकसा तो फभी दे दी नहीं सकते थे ।पाच बच्चे वाले सत्याम्रद्दी

फो भर आश्रय-हीन अह्मचारी को एक पंक्ति मे तो दरगरिज्ञ नहीं रक्खा जा सकता था |यह भी नहीं दो सकता था, कि फेवल

प्र्षचारियों को ही युद्ध में शामिल करें। फिर द्रव्य किस नियम

के अनुसार दिया जाय ९ अभी तक अक्सर यद्दी किया जाता था,

कि दरेक कुटुम्ब से पूछा जाता कि कम से कम्र उसकी आवश्य“ता क्‍या थी १ बस उसीपर विश्वास रख कर खच्च के लिए दिया जाता था। पर इसमें कपट के लिए बहुत भारी स्थान था। कप-

टियों ले इसका कुछ हृद तक दुरुपयोग भी किया ९ कई ऐसे भी थे जो थे तो निसृदद, पर एक खास सीमा तक सहायता की जरूर

आंशा करते थे । मैने देखा कि इस तरद्द युद्ध बहुत दिन तक

चलना असम्भव है.। इस तरद्दतोयोग्य आदमी के साथ अन्याय

होने काऔर' अपात्र को अनुचित ल्ञाभ होने का डर था। इस कठिनाई से निकलने का राप्ता तो फेवल एक ही था। सब

कुटठम्त्रों कोएक स्थान पर रखा जाय और सभी साथ रहकर

काम करें |इसमे किसी के साथ अन्याय होने का डर तो था ही

8 साथ ही कहा जा सकता है.कि पाखंड, झूठ आदि के लिए भी कोई अवकाश नहीं रह सकता था। सावेजनिक घन का सदुप-

योग वा सत्याप्रदियों के कुटुम्वों कोनवीन सादे ओर झनेक्ों के,

साथ दिल्मित्त कररहने की भनुपम शिक्षा इत्यादि सभी बातें