पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/३६

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इपितत

करना घाहिए। न्याय चोर सत्य झी नोति फे अनुसार तो इमेशा यहीं पथ सच होठा ऐं | "पपने फथन का अर्भ गेने ख्यपने मन में घादें जो फर रक्खा हो, पर मुझे मानना खादिए कि उसका जो भाव पदनेवाल जथवा सुननेयाले के चित्त पर पंफित हो

उमी भाव में मेने यह वचन कहा या लेख लिखा था। इस

सुनाले नियम का पालन एम व्यव्शर मेंबहुत बार नहीं फरते। इसोसे कई कपडे सप्रे घोते हैं;ओर सत्य फे नाम पर '्र्ध-

सत्य 'यत्ति उेंड पमत्य से फाम लिया जाता है । इस प्रकार जब्र सत्य की प्र्थान्‌ यद्ाँ जनरल बोथा की, पूरी विजय हुई,दब वे फाम मेंजुटे । फलतः तमाम राज्य एफ्न्र हुए और दक्तिण-अफ्रीफा को पूरीपूरी स्वतन्त्रता मिली। मण्डा

यूनियत जफ है. नकशे मेंइस प्रदेश का रग लाल हैं, फिर भी

यह मानने में जरा भी ज्यादतो नहीं फ्रि दक्तिण-अफ्रोका पूर्ण झूप

से खतन्त्र है| मिटिश-साम्राज्य दक्षिण अफ्रोफा के कार्यकर्ताओं

की राय के त्रिना जहाँ सेएक पाई नदी ले जा सकता उत्तना

ही नहीं बल्कि प्रिटिश सन्त्रियों नेयह स्वीकार किया है यदि

दक्षिण-अफ्लीका त्रिरिश कण्डे को निकाल डालता धाद्दे और

नाम में भा स्व॒तन्त्र दोना चाहे तो उसे कोई नहीं रोक सकता।

ओऔर यदि आज दक्षिण-अफ्रीका के गोरे ऐसा नहीं करते

हैं ताउसका सवल कारण हें | एक तो यह कि बोअर

लोगो के नेता बुद्धिमान और सममछार हैं । ब्रिटिश-साम्राज्य के

साथ यदि 8स प्रकार की मिन्नगा रक्‍वी जाय अथवा ऐसा

सम्बन्ध रक्‍्खाजाय, जिसमें खुद छुछ खोना न पड़े तो यह चेजा नहीं ।पर इसके अश्रतिरिक्त दूमरा व्यावद्वारिक कारण भी है। बह यह ऊि नेटाल में अग्रजोकी सख्या अधिक है,'केप कालोती'

मेंअंग्रेजों कीसख्या अधिक है, पर बोअरों से अधिक:नहींँ'