पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/३८७

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श्री गोखले का प्रवास (चालू) जोहान्सबर्ग से हमे प्रिटोरिया जाना था। प्रिटोरिया मे

गोखलेजी फो यूनियन सरकार का निमन्त्रण था। तदमुसार होटलमेंउनके लिएसुरिक्तित जगहमेंही हम ठहरे। यहाँ परउन्हें

यूनियन सरकार के मंत्रिमंडलसे,जिसमे जनरल बोया और जन-

रत सद्स भो थे, मिलना था|जैसा कि ऊपर लिखचुकाहूँ, उनकाकार्यक्रम ऐसा बनायाथाकि उन्हें हमेशा फरने योग्य कामों की सूचना मेंप्रतिदिन सुबह कर दिया करता था। यदि वह चाहते तो अगली रात को भी बता देता। मंत्रि-मंडल सेमिलने का काम उत्तरदायित्व पूरे था। हम दोनों ने निश्वय कर लिया था कि मुझे उनके साथ नहीं जाना चाहिए---जाने फी आज्ञा भी नहीं भाँगनी चाहिए । मेरी उपस्थिति के फारण मंत्रि-मंडल् और गोसले

केथीचमेजरूरहीएकहृद्‌तकपरदापड़जानेकीसम्भावना

थी ।सन्त्रीगण उन्हेंन तोपेटभरस्थानीय भारतीयोंकीऔर न

मेरी ही ऐसी बातें बता सकते जिनको वे गलत सममते थे “और यदि वे कुछ कहनाचाहतेतो उसे भी खुले दिल से नहीं कह सकते थे।किन्तु इसमे एक अस्ुविधा भीथी।गोखले जी की जिम्मेदारी दुगुनी हो जादी थी। यदि किसी वात की वह भूल