पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/४०२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

विवाह गर कानूनी

१२७

कि जितने लोग मिल जाये उन्हींकी क्ेकर सत्याग्रह शुरू कर दिया गाय। श्र ल््ियों को सत्याप्रह में शामिल होने सेहम नहीं रोक

तकतेथे,बल्कि यह निम्चय किया कि युद्ध मेशामित्र होने के

लिएउन्हें निमन्त्रित भीकिया जाय | सबसे पहले तो टॉलरटॉय

फार्म पर रहने वाली बहनों को ही निमन्त्रित किया गया। वेतो स्व

हीसत्याभद से शामित्ञ होने केलिए तड़प रही थीं । युद्ध मे होने वाली तमाम कठिनाइयों और जोखिमों का चित्र पहले पहल मैंने इनकेसामने रकखा। खान-पान, पोशाक , सोना, बैठना आदि सब

बातों मेउन्हेंपरतंत्रता रहेगी भ्रादि समकाया। जेल मेंसख्त मजदूरी शरनी होगी, कपड़े धुलाये जावेंगे, अधिकारी लोग अपमान करगे, इत्यादि बातों से भी उन्हें सावधान कर दिया । पर वेबहने तो

एक भी बात से नहीं ढरी |सभी बहादुर थीं। उनमें सेएक तो

गर्भवती थी ।कई बहनों की गोद सेनन्‍्हें-नन्हे बच्चे थे |पर उन्होंने भी शामिल होने के लिए श्राप्रह किया |में तो उनमें से एक को

5 सका | सभी वहने तामिक्ष थीं। उनके नाम्र नीचे क्षिखे

हूं।-.0ह-

श्रीमती थम्बी नायडू; २ श्रीमती एन० पिल्ले; रेश्रीमती के०

के० मुणेसा पिल्ले; ४ श्रीमद्वी ए० पी० नायद्ू, £ श्रीमतीएस०पी०पिल्ले;

गेयडू; ६ भीमतो चिन्न खामी पिल्ले, ७ श्रीमती एन्‌० ४ भीमती आर० ४० मुदृिंगम; ६ श्रीमती भवानी दया; १०

प्रीमतीएम्०पिल्ते; ११ भीमती एम० बी० पिल्से |

मे मेछः बहनों की गोद मेवाज़क ये। कोई अपराध करके

५. रदहोना आसान है| पर निर्दोष रहते हुए गिरफ्तार होना कठिन

है। भपराधी गिरफ्तार नहीं होना चाहता |इसलिए पुलिस उसके

रीछ्लेलगी रहती है । भौर उसे गिरफ्तार करती है। पर खेच्छाख़ेंक निर्दोष रहते हुए जेल जाने की इच्छा रखने वाले को पुलिस