पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/४१

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दर्तिण श्रफ्रीका का सत्यागाः

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चात फा सुवूत नेटाल फे कई प्रप्रगण्य ऋप्रेजोके मु मे छो

दिया जा सकता है और उनमें अधिकाश तो 5स विषय मे भारतीय-सरकार को टी गयी दरसख्वास्तों मेभीशरोक थे। सर, जो होना था सो हो चुका।पर जो जहाज इन मजदूरों को लें गया। वही मत्याग्रद के महान वृत्त के बीज भी साथ ही लेंगया ।

मजदूरों को नेटाक्ष-स्थित यहाँके भारतीय दलालों ने किस तरह

धोखा दिया, चेचारे येलोग किस तरह उनके जाल में श्राये, नेट पहुँचने पर उनकी आँखें किम तरह खुली, घाँखें खुतकर भी वेनेटाल मेंक्यों रहे, किम तरह और भी मजदूर उनके पीछेपीछे वहाँ गये। वहाँ जाकर उन सबने किस प्रकार धर्म और नीति के बन्धनों को तोड डाला या वे ही टूट गये, किस प्रकार

विवादित स्री औरवेश्या केबीचकाभेदभी न रहा, इसकी

रामकद्ठानी तो इस छोटी-सोपुस्तक मेंकैसे जिखी जा सकती है?

वेमजदूर जोनेटाल जाते, पप्रीमेंट मेंआये हुए मनदूर के नाम से जाने जाते हैं।अतः थेअपने को गिरमिटिया कहते हैं। इसकषिए अब्र हम भी एप्रीमेंट को गिरमिट और इसमें बेंघे हुए मजदूर को गिरमरिटिया कहेंगे।

जब यह खबर मॉरिशस मेंपहुँची कि नेटाल मे गिरमिटिया ३ हैं, तब वहीँ केमजदूरों केसाथ मम्बन्ध रखनेवाले कितने द्वी भारतीय व्यापारियों का दिल नेटाल लाने के लिए सज्चाया। मॉरिशस नेटाज्ञ और भारत के बीच मेंहै। मॉरिशस

टापूमें दजारों भारतीय-भजदूर और व्यापारी रहतें हैं ।उनमें से शोक हकसाजनक पापनेनेटाल मेंएक दूकान ।इस समय नेट के अ्रप्न जो तक को न तो यह सुध ही थी, न परवाह हो थी कि श्यापारी

क्या-क्या कर सकते गिरमिटिय गिर ो) की महायता आर से सकते हैंहैं । | वेवे