पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/४२०

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खातों के मालिकों से बात-चीत श्रोर उसके बाद पा्नों के मालिकों के निमस्त्रण के अम्ुसार में उनके पा

रखने गया। मैंत सममा कि मालिको पर इछ प्रभाव पड रहा हैं।

पर मुप्तेयह विश्वास नहीं था कि इस मुल्ञाऊात से फोई नतीजा कलेगा |पा मल्याप्रही तो असीम सम्र होता दे। सभमोते का एक

भो भत्रमर बह अपने हाथो से नहीं खोता | इससे यदि कोई उसे मी भी कहे तो यह उसकी परवा नहीं करता। लिफ्नकें दृदय

में विश्वास है, और विश्वास से पैदा होने घाला बल हैं,पह दूसरो

द्वारा की गई अपनी श्रवगणुना पर अफसोस नहीं करता। बह:

वो अपने श्रंतरिक चल पर ही निर्भर रहता है ।इस तरद सबके साथ नम्नता पूर्वक रह फर वह तो संसार की सहातुभूति प्राप्त कर

सेता हैऔर इसे अपने काम की तरफ श्राफर्पित कर क्ैता है।

इसलिए भात्तिकों का निमस्त्रण मुझेस्वागत करने योग्य माछूम हुआ। मेंउनके प|स पहुँचा। मैनेदेखा फि चायुमएडल सह्षुष्प है।

मुझी बदले उनके प्रतिनिधि मेउल्दे साले को मुझ समम छेने के

को जांचना शुरू किया । उसके प्रश्नों के मैंनेययोचित उधर दिये। भौर उनसे कह्दा “यह दृड़ताल बंद करना आंपके हाय में हे

महू कहीं अधिकारी तो हैं नहीं?उत्तकीतरफ से कहा गया । »