पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/४२१

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दक्तिण अफ्रीका का सत्यामंद

मैं-'आप अधिकारी न द्वोते हुए भी बहुत कुछ कर सकते हैं।

आप मजदूरों का पत्त लेकर कगड़ सकते हैं.। मेंइस बातको नहीं मानता कि यदि आप सरकार से तीन पौड के कर को रद करने के लिए कहेँ वोवह आप की बात को त्वीकार नहींकरेगी। आप दूसरों को अपने अनुकूज् चना सकते हैं।” ५पर सरकार द्वारा मंजूर किये गये कर के साथ हड़ताल का क्या सम्बन्ध है? मालिक यदि मजदूरों को कष्ट देरहदेहों तोआप कानून के अनुसार उनसे दरख्वात्त करे [7

सिवा हडताल के मुझे और कोई ऐसा उपाय नहीं दिखाई

देता, तीम पोंडवाज्ा कर भी तो मालिकों की खातिर ही मज़दूरों

पर लञादा गया है । मालिक मजदूरों की मज़दूरी तो चाहते हैँ,पर

उनकी स्वतत्रता नहीं चाहते। इसलिए इस कर को दूर करने

के लिए मैंने यह ओ हड़ताल रूपी शत्च उठाया है,इस मेंमुझेघरा

भी अनीति अर्थात्‌ मालिकों के प्रति अन्याय नहीं दिखाई देता 7”

/तो फिर आप मजदूरों को काम पर लौट जाते के 6िए नहीं

कहेंगे (?

कहेंल्ाचार हूँ।” ४ एइसक्रे परिणाम का भी आप को खयाल है १”

५ सावधान हूँ।अपनी जिम्मेदारी का भुमे पूरा खयाल है। “ठीफ तो है,इसमे घापकी क्या द्वानिहै ?पर इन भोत्ते-भाले

मजदूरों की जो ६ नि होगी, क्या इसकी भरपाई आप कर देंगे।? “मजदूरों ने समम>बूक कर और द्वानि-क्राम का पूरा हिसाब

लगा लेने पर ही यह हडताल शुरू की है) आात्म-सम्मान की

हानि से किसी द्वानिको मेंवड़ो नहीं समझ सकता, और मुमे संतोष हैकि मज़दूर भी इस वाद को समझ गये हैं? इम तरह की चात-चीत हुई। संभाषण ही प्रत्येक घाव इस