पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/४२४

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जानें के मालियों से बातनचीत और उसके वाद.

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($पकने के लिए सुविधा यरदी। कूच के लिए जो खुणक दी जाती थी इसफा उपयोग स्थायी मुझाम पर तो ही ही नहीं सकता था। इसलिए पाना पकाने के लिए बरतनों की भी श्रवश्यकता

हुईं ।यह सर उन्होंने प्रसन्षतापूर्वक दिया। चावल घेर तो मेरे पास फहले ही सेबहुत 5फद्ठा हो गये थे ।पर फिर भी व्यापारियों

ने अपनी तरफ से फ्रौर देटिये । चान्सटाऊन एक छोटासा गाव था। इस समय उसकी जने-

मंस्या मुश्किल से चार पांच दजार होगी। उसमें इतने मलुष्यों

कासमावेश होना कठिन था| बच्चों और स्लियों की ही मकानों

के अंदर रकखा। किततों ही को तो मैदान से भी ठहरा दिया

गया घा।

यहा की कितनी ही स्मृतिया तो मधुर हैं. और कितनी दी बेडवी भी। भधुर स्मरण सब्र से पहले चालेसूटाउन के श्ररेग्य-विभाग और उसके अधिकारियों से सम्बन्ध रखते डे!

्या को इतनी बढ़ी हुई देख कर थेघवडा गये पर उहोंने

जन-संस पहलेही सेकहक उपायों का अवत्ञस्धन नहीं किया। सं से पहले वेमुझ से आकर मिलें, स्वच्छता तथा आरोेग्य विषयक

कितनी ही सूचनायें करके उन्होंने झुझे सहायता करने का जितने सावअमिवचन भी दिया। यूरोप के लोग तीन वातों में

पान रहते हैं,उतने हम नहीं रहते उन्होंने कह कि सच्छुता, तेया रास्ते और पाख़नों की स्वछुता, का मुझे विशेष खयाल

रेखना चाहिए | जद्दा वहाँ लोग पानी नहीं ढा्ञने पारवे पेशाब का

भी एक निश्चित स्थान हो । कूड़ा-कचरा भी लोग दरूकद्दी नडालने

पार्षे,उसका भी एकनिरिचत स्थान हो। नं वेबतावें, वहीं मेंकोर

फो सब और यहां की स्वच्छता के लिए मेंजिम्मेदार रहूँ। यहसब

मैंनेउनके प्रति अपनी एड्रलानमन्दी ज्ाहिए करते हुंएकबूल कर