ट्रान्सवांल मेंप्रवेश (चालू) इस प्रकार वह यात्रियों का समुदाय, काफिज्ञा या संघ, जो
कहिए, निश्चित समय पर चत्ष पड़ा । चाल्संशाउन से एक (मल की दूरी पर बाकसरेस्ट का बुगदया कि था। इसको पार करते |
मनुष्य बॉकसरेस्ट श्रथवा दान्सवाल में पहुंच जाता है। शत
परदे के उस पार घुडसवार पुलिस खडी थी। सव से पहले में
के पास गया । लोगों को सममा दिया गया था कि जब में धर सेइशारा कहं तो वे फौरन बुगदे को पार पर जाय॑ |पर पुलिस से बातचीत कर ही रहा था, लोग तो घागे
उप कर बुगदे को पार कर चले आये। घुड़सवार उनके सामने गधे !पर बह समुदाय इस तरह रुकने वाला नहीं था। पुल्षिस पैकडना तो चाहती ही नहीं थी। मेंने जञोगों को शांत किया,
हेमु: कि थे एक कतार में हो कर हैपांच,-सात॑ मेकक क्ृच करना गल्म असभी शांत हो हो गये गये श्रौर भर श्रव श्रब ट्ान्सवाल दू!
०. पकसरेस्ट के लोगों नेदो दिन पहले ही सभाकी थी, उसमें
धन प्रकार का डर बताया गया था। क्ितनों दी नेतो यद कहां पा कि यदि भारतीय शून्सवात्न मे प्रवेश करेंगे दो दम उन पर