पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/४४०

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सभी कद अ्रत्र हम जोहान्सवर्ग के काफी नजदीक आ गये थे । पाठकों

स्मरण रहेकि पूरा मार्य सात दिन में तय करते का निम्बय

किया था। अब तक हस अपने निश्चयानुसार प्रतिदिन सार्थ तय करते हुए आ रे थे । क्रय पूरी चार म॑जिले और रह गई थीं |

स्न्तु व्यों ब्यों हमास उत्सादहु जाता था शवों त्यों सरकार

की ज्ञाप्रति भी तो बढ़नी ही चार्हिए न | हमे अपनी मंजिल तय करने पर चह यदि पकड़ती तो उससे उसकी कमजोरी और अरसिकता न जाहिर होती ? इसलिए उसने शायद सोचा कि यदि पकड़ना ही हैतो मंजिल तय परने से पहले ही क्यों न पकड़

लिया जाय |

सरकार ने देखा कि मेरे. गिरफ्तार दो जाने पर लोग न तो सिराश हुए, न डरे, और न कोई उपद्रव ही उन्होंने मचाया, यदि

वेउपद्रव कर बैठते तो सरकार को अपनी तोपों और वन्दूकों का

उपयोग करने का अवसर मिल जाता | जन्तरक्ष स्मटूस के लिए

हमारी शाँति और उसके साथ साथ दृदता एक घड़ी दु:खदायी

बोत हो गई। उन्होंने तोयदाँ तक कद डाज्ा "शांत मनुष्य को कीई कहाँ तक सदा संकंता है?! मरे को मारने से क्‍या