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दक्षिण अफ्रीका का तत्यामह

त्ञाभ | जो मरते पर तुला हुआ है, उसे मारने में कोई आनन्द नहीं आता। इसलिए शत्रु कोजिन्दा पकड़ना बहादुरी समझी जाती है| अगर चूहा बिल्ली को देख कर भागना ही तो श्रवश्य द्वीउसे कोई दूसरी शिकार हूढना पढ़े |सभी भेड़ सिंह

की गुफा मेंजाकर बैठ जाये तो सिंह को भेड़ेंखाना ही छोड़ देना पढ़े। अगर सिंह सामना नहीं करे तो क्या पुरुष-सिद्द लि का

शिकार करंगे हमारी शंति और हमारे निम्य में दी हमारी जीव छिपी हुई थी।

गोलते की इच्छा थी कि पोत्क भारतवर्ष जाकर उनकी

कुछ सद्दायता करे ।मि० पोज्रक का स्वभाव ही ऐसा देकि वे जहाँ कहीं रहें मनुष्य के लिए उपयोगी हो जाते हैँ। भिस काम को वे उठातेहउसी मेंतन्‍्मय होजाते हैं। इसलिए उनको भारत-

बे भेजने की तेयारियाँ चल्न रहीं थीं। मैंमे तोलिख दिया था कि वेचले जावें। पर बिना मुझे मिले, सभी सूचनाये अत्यक्ष मेरे मुह सेसुनेविन। ही वेजाना नहीं चादते थे ।इसलिए उन्होने

इस सफ़र में दी मुझ से मिल लेने की इजाजत मांगी ।मैंनेउन्हें तार से उत्तर दिया कि 'गिरफ्तार हो जाने की जोखिम उठाना चाह तो चले आबे”। सिपाही सभी आवश्यक जोखिमों का

स्वागत कर जेते हैं। यह युद्ध तोऐसा था कि सरकार यदि सब

को पकड़नां चाहती तो सभी को गिरफ्तार हो आना चाहिए था।

जब तक सरकार गिरफ्तार नहीं करती है,तय तक गिरफ्तार होने के लिए मरत और नीतियुक्त कोशिश करते जाना धर्म्म था। बाइक पोल्क अपनी गिरफ्तारी की जोखिम उठा कर भी हे चे।

हम लोग द्ेदलबगग के फरीब पहुँच चुके थे। नजदीक चाले