पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/४५०

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११२१ कसौटी सोने की परीक्षा करने वाला हमेशों उसे कसौटी पर धौसता है। इससे अधिक परीक्षा करणी होती है तो बह उसे

भट्टी मे डालता है ।उसे पीटता है, यदि कहीं अशुद्धि द्ोती हैतो उसे निकाल डालता हैफिर उसका छुन्दन बनाता है। बस इसी

प्रकार भारतीयों की भी परीक्षा हुई, बे पीटे गये भट्टी मेतपाये

गये, भौर जब वे परीक्षा मे उत्तीण हुए तबजाकर उनकी कहीं सच्ची कीमत हुई ।

यात्रियों को टून में वेठाकर फह्दी उनकी पूजा करने के लिए

नहीं, बल्कि ऐरण पर पीटने के लिए ले चल्ले। उनके खाते का

फोह इन्तजाम नहीं था ।नाताल में पहुंचते ही फोरन उतपर मामला

चलाया गया और सब फो जेल भेज दिया.-गया । पर यद्द तो.हमने

पहले ही सोच रखा था] बल्कि हमतो यह चाहते भी थे | पर इस तरह हजारो को जेल मे रखने सेतोभारतीयों की बन आती।

उनका क्‍या थिगइता ( सरकार को ख्च बढ़ता, और साथ ही ये फोयलले की खाने भी बन्द पढ़ी रहतीं। यही रिथति अधिक,समय

तक टिकी रहती तो सरकार को मजबूर त कर उठाना पड़ता । इंस*लिए धुनियन सरकार ने एक नवीन थुक्ति इंढी। उसने एक ऐसी