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कसौटी
इसी समय लाडे हा्दिल ने अपना वद्द विख्यात भाषण दिया
था जिस के कारण दक्षिण आफ्रिका और इंग्लेस्ड में भो जहां तहां खलबली मचगई। बाइमराय दूसरे संस्थानों की टीका नहीं कर
सउते थे। पर लाई हार्डि'ल गे तो सख्त टीका कर डाली। इतना हो नहीं,बल्कि उन्होंने तो सत्यागदियों का पूरा बचा भी किया । यहां तक कि उसके सबवितय भंग का भी समर्थन कर छाला।
उनके इस सांदस पर इंग्लैण्ड के अखभारों भे ज़रूर कुछ सख्त पेर टीका-टिप्पणी की गई । तथापि ला हार्डिज ने अपने कार्य पश्मात्ताप नही जाहिर क्रिया, बल्कि ता के साथ उसका ओचित्य बताया ।इसका फल्न भी बड़ा सुंदर हुआ । इन गिरफ्तार, दुःखी किन्तु बहाहुर 07रो3को छोड़ कर दम
जण भर के लिए जरा खानों के बाहर नज़र
दौडाले ।
खाने नेटाल के उत्तर विभाग मे थीं। पर मजदूर तो सब
सेबड़ी संख्या में नेऋत्य और वायव्य कोन मेंरहते थे। वायच्य गोन मे किनिक्स, वेरूलमू, ठोगाट इत्यादि थे। मेछत्य में इसीर बिंगो, भममीटो इत्यादि थे। वायव्य फे भजदूरों के साथ मेगा युद्ध
काफी परिचय हो गया थां। उनमें से कई मेरे साथ घोअर
फोन के मजदूरों मेरामफरचुके थे |इतना काम मुझे नेकत्य बहुत
सेनहीं पढ़ी था। उसी प्रकार इस दिशा में मेरे साथी भीकी तरह कप ये ।तथापि जेज्ञ और दृड़ताल फी वात विभल्ली अचानक हजारों चारों दिशाओं से फैल यह। दोनों तरफ से
से कि लड़ाई बहुत मजदूर निकल पढ़े । कितनों दी ने इस ख्याल नहीं देगा, अपना फो तक चलेगी और शायद कोई खाने
| दिन मैं तोअपने ' असत्राब तक बेच डाला था। जेल जाते समयन होने पावे”। गया था कि “अब अधिक हड़तालें
साथियों से कह
मुझे विश्वास था किअब अधिक बलिदान की.जंरूरत नहीं होगी।