पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/४६१

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श्घई्‌

अफ्रीका का सत्याग्रह

  1. हम्म कम्रिशन का खागत करते हैं। पर इसमे उन दों

सभ्यों की- जिस तरद नियुक्ति हुई है उसके लिए हमारी घोर

आपत्ति है । उनके व्यक्तित्व से हमे किसी तरह का विरोध नहीं है। वेचतुर और प्रसिद्ध नागरिक हैं। पर उन दोनों ने कई धार भारतीयों के प्रति अपना विरोध जाहिर किया है। इसलिए

अज्ञात! उनसे अन्याय होने की संभावना है। महुष्य अपने

स्वभाव को एक एक नहीं चदल सकता। अतः यह सात क्षेना अक्ृति के नियमों के विपरीत होगा कि वे दोनों अपना स्वभाव

पलट लेंगे |तथापि हम यह नहीं चाहते कि उतको कमिशत से अलग ही कर दिया जाय |हम तो केवल यही चाहते दें, कि

कसी तरह कुछ और तटस्थ पुरुष उसमे रख लिये* जाय] इसी हेतु संहम सर जेम्स रोमइनिस और आऑन० ढब्तयू० पी० श्राई-

मर के माम-सुचित करते हूँ। येदोनों प्रस्यात ब्यक्तियां हैं। और

अपनी न्याय-वृत्ति के लिए भी प्रसिद्ध हैं| हमारी दूसरी माथना यह हैकि तमाम मत्याप्र्दी कैदियों को छोड़ दिया जाय। अगर ऐसा नहीं किया जायेगा तो हमारे लिए वाहर रहना मुश्किन्न दो

जायेगा। अत्र उन्हें,जेल्न मेरखने का कोई कारण भी नहीं है। इंसके अतिरिक्त यदि इसें कमिशन के सामने अपनी जबानी देना पढे, तो हमे खानो में, तथा जहा जहां गिरमिटिया क्ास

करतेहैंवहां जाने की इजाजत मि्ननी चाहिए । यदि हमारी इस प्राथना पर विचार न हुआ तो इसमें फिर जेजश् से जाने केउपायों

फ्रीहू ढना होगा ।?

” जनस्त साइव ने कम्रिज्ञन के स+्यों की संख्या बढाने से इन-

फार करें दिया और कह्ा कि क्मिशन किसी पंत्ञ के लिए नियुक्त

नहीं दिया गया है। बद तो केवल सरकार के संतोष के लिए दे 'ह उत्तरमिलते दी हमारे पास तो एक हीइपाय बचरहा |इमने