पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/४७२

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पत्र ध्यवहार

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लिएभी विषयमेंकोईसदूतही देनानहींचाहतेवोसरकारकेसत्या वोइस विषय मेंकुछ करने योग्य नहीं रद जाता। प्रही

े ही केपहिले ं का हुक्‍्स तो आप का पत्र मिसन कोछोड़ने कैदियो

विषय में आपने जो उल्लेख सर देचुको है। कोमी दु.खों के किया है उस विषय में सरकारतबतक छुछ ने कर सकेगी जब

तक कि कम्रिशने अपनी रिपोट पेश नहीं कर देता। ” इन दोनों पत्रोंका क्षेनदेन दोने के पहले हम दोनों जनरक्ष

साट्स को कई बार मिल्न चुके णे। परइस बीच सर बेजामिन रॉब सनभी प्रिटोरिया जा पहुंचे थे |यद्यपि सर बेनामिन लोक:

प्रिय माने जाते थे, और मोखलेमी की सिफारिश भी जाये थे,

गरेज अधिकारी की कमवधापि मैंनेदेखा किवेएक मामूलो अर भोरियोंसेएकदममुक्तनहींथे।वहांपहुँचते दी उन्होंने कौम कांकास ियो कोढराने तिविषबोनाऔर सत्याप्रह भेद-मीका हुहूकरदिया। प्रिटोरिया कीपहल्ीमुज्ञाकातमेंमुझपर.उनको; प्रषद्ठाप्रभावनहींपढ़ा। ढरानेकेविषयमेंमुझेजोतारसाथ मिले एक हैइनका जिक्र भी मैंने उनसे किया था। मुझे तो सभके

था। हीरीति से, अर्थात्‌सष्टवातथानिस्यृहता पूंक कास होना किया व अनुभ इसलिए हम मित्र हो गये |पर मैंने येकईबार

े तोअधिकारी ढराते हीरइते है। और सरल किढरनेबातको

तथानिहरमलुष्यसेसीधोतरहपेशझतेहैं।

इस तरइ प्राथमिक समझौता दो गया। और भाजखिरी बार सत्याग्रह मुल्तवी किया गया। कई अगरेज मित्र खुश हो गये,

और अन्तिम समभीते में सद्दायता करने का उन्होंने मुझे आश्वाब । से थद्द सममौता मंजूरकराक्ेनाझा सनभीदियाकौम

गुफिल था । सबको यही आशंका थी कि जागा हुआ उत्साह

कहीं फिरत सो जाय। किर जनरल स्मदूस पर ध्यप्व लोग क्यों