पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/५९

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ददिण अफ्रीका कासत्यापह

निवासी नहीं घन सकता। मतदाता तो दो ही नहीं सकता।

विशेष आज्ञा प्राप्त करने पर वह भजदूर तथा होढलों में वेदरों के तौर पर रद सकता है। पर सभी प्रार्थियों कोऐसी आज्ञा

मिलती हो सो भी नहीं। दवालव यहाँ तक थी कि कोई प्रतिष्ठित

भारतीय फ्री-स्टेट मेंदो चार दिन रहना चाहे, तो उसमें भी उसे

चड़ी कठिनाइयों सहनी पढ़ती । बोअरन्युद्ध केसमद वहाँ

चाक्षीस भारतीय गरीब वेटरों के सिवा और कोई नहीं था।

केप कालोनी मे यद्यपि भारतीयों के खिलाफ थोड़ी-बहुठ

हणचत्न हुआ करती, पाठशालाओं में भारतीय बालक नही लिये

जा सकते थे, भारतीय मुसाफिर द्ोटलों में मुश्किल सेउतर

सकते,- भारतीयों की इस प्रकार अवगणनायें तो बहाँ भी बहुत

इुआ करती थीं तो भी व्यापार-पारिज्य अथवा जमीन की सालिको के विषय मेंकोई प्रतिरोध वहाँअधिकसमय तक ले था ।

इसका कारण बता देना जरूरी है। हम देख चुके हैं कि

एक तो भ्रधानत, केप टाउन मेंऔर सामान्यतः केप कालोनी में मक्षायी श्ोगों की बस्ती ठोक तादाद में थो। म्ञायी लोग सुस-

लमान थे। अत; भारतीय मुसलमानों सेउतका सम्बन्ध फौरन ही गया और उनके साथ-साथ बुछन-कुछ हिन्दुओं का भी हो ही गया। फिर कितने ही भारतीय मुसलमानों ने वहाँ की मलायी

ज्लियों के साथ विाद्-सम्पन्ध भी कर लिया। केप कालोनी की

सरकार मलायियों के खिलाफ किसी कामून को रचना कैसे ऋर सकती थी ९ केप कालोनी वो उनकी जन्म भूमि ठहरी। उनको भाषा भी डच थी। ढुच लोगों के साथ वे पहले से रहे हुए थे। अथोत उनको रहन-सहन भी डच लोगो कोसी हो गयी थो। इन कारणों से केप फाक्षोनी में रगठ्रेण कमर से कम रहा है। फिर फेप कालोनी दक्षिण अफ्रोका का सब से पुराना राज्य