पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/६०

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है. ॥

पिछली मुस्तीचततों परएक ना

ओर शिक्षा का केन्द्र हैँ;इसलिए वहाँ औद़, विनयी और उदार-

चेता गोरे भी पेदा हुए ।मेरा तो ख्याल है कि संसार में ऐसा

एक भी स्थान-और जाति नहीं कि- जिससे यथा समय और संरक्षृति मिलने पर बढ़िया से बढ़िया मनुष्य-पुष्प न पेदा होते हों। दणिक्ष-अफ्रीका में सभी स्थानों पर में इसके उदाहरण

सौभाग्यवश देख चुका हूँ। पर केप कालोनी में मुझे इसके

उदाहरण अधिक सख्या मेंमिल्े |उनमें सबसे अधिक विद्वान

ओर विख्यात है ओ मेरीमेन | इन्हें लोग दक्षिण अफ्रीका के रलेडस्टन कहते |कैप कालोनी मेंआप अध्यक्ष भी रह चुके

हैं। यदि श्रो, मेरीमैन के जैसे श्रेष्ठ नह्दी तोउनसे दूसरे नम्बर सेंबहाँ केश्राईनर और मोल्टोनों के परिवार हैं। कानून के विख्यात द्िमायती श्री, डब्ल्यू. पी, आईनर इसो आईनर-

परिवार में हो गये हैं। केप कालोनी के प्रधान मण्ठल मे भी वे

रह चुके हैं। उनकी बहन ओलिव श्राईनर दक्षिण अफ्रोका में बडी लोकप्रिय महिला है। जहाँ-जहाँ तक अंग्रेज़ो भाषा बोली जाती हैवहाँ-वहाँ तक उत्का नाम विख्याव है। मनुष्य मात्र 'पर उनका असीम प्रेम था। जब देखिए तब यही मालूस होता

कि उनकी आँखों सेअविरल्न प्रेम की धारा वह रही है। इसी

देवी ने वह “ड्रोम्स” नामक पुस्तक लिखो है। ड्रोम्स की लेखिका के नाम से उनकी कोर्ति चारों ओर तभी से फैज्ी है। उनका स्वभाव इतना सरस और सीधा-सादा था कि इतने बड़े खानदान

मेंपैदा होकर और इतनी बढ़ी विदुषों दोने परभी घर पर वे अपने बतन खुद हो साफ करतीं । श्रो मेरीमेन और ये दोनों “परिवार ४मेशा हथशियों का पक्ष लेते और जब-जब उनके इक़ो पर हमला दोता तब तव उसके लिए थे कगढ़ते |और यद्यपि दे

सब भारतीयों और दंबशी लोगो को भिन्न-भिन्न दृष्टि से देखते