पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/६२

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पिछुली मुसीवर्तों परएक नजर

न थी । किन्तु ट्रान्सवाल केप कालोनी और नेटाल के बीच मेंहै| इसलिए जब नेटाल और फेप केघन्द्रगाह बन्द हो, तब भारतीय प्रवासी कहाँ उतर सकते थे ?एक रास्ता जहर रहा । और वह

था पोचु गीजी बन्दरगाह डेल्न गोआबे। पर वहाँ भी न्‍्यूनाधिक

परिमाण मेंअंग्रजीराज्यों काअनुकरण होने लगा। तथापि यह कह देना आवश्यक हें कि इतने पर भी अनेक रहे-सहे भूले

भटके भारतीय असीस कठिनाइयों कासामना करते हुए तथा रिशवतें दे-देकर ट्रान्सवाल मेंअपना प्रवेश कर लिया करते |