घर
भारतीयों ने क्या किया !'
४उसे क्या करोगे ९?
- हम्न उसे जीता जलावेंगे ।”
“उसने आपका क्या बिगाड़ा है९” «उसने भारत में हमारे विषय मेंकितनी ही भूठी बाते कहीं
हैं,और वह नेटाल को इजारों हिन्दुस्तानियों सेभर देता चाहता है।” “पर यदि वह बाहर न आवे तो आप क्या करोगे ९” “हो हम इस सकान को ही आग त्ञगा देंगे ।”
“इसमें तो उसके बाल बच्चे हैं,दूसरे भी स्ली-पुरुष हैं ।
अंऔर बच्चों फो जलाने में तुम्हे कोई लण्जा नहीं मालूस तो ९?
पर यह तो आपका दोष है। आप हमें ल्ाचार ही कर देंगे तो हम क्या करेंगे ?हम तो और किसी को नहीं मारना चाहते। बस, आप तो गांधी को हमारे सुपुदें करदीजिए । आप
तो अपराधी को भी न देऔर यदि उसे पकड़ते हुए दूसरों
को चोट पहुँचे तोउसका दोष भी हमारे ही सिर मढ़ें |यह कहाँ का न्याय ९”
सुपरिन्टेन्डेन्ट ने धीरे से हँसफर कहा कि मै तो उनके
बीच होकर कभो का दूसरी जगह सद्दी सत्मामत पहुँच गया हूँ।
यह सुत्र कर ल्ञोग ठठाकर हँस पढ़े; और कहने छ्गे 'भूठ फूट
सुपरिन््टेन्डेल्ट नेकह्दा “अगर आपको अपने वृद्ध कोतवाल की बात पर विश्वास न हो, तो पते ही में से३-४७ आदमियो
की कमेटी बनाइए और शेष सब यह वचन दीजिए कि और कोई आदमी मकान के अन्दर नहीं जावेगा । यदि कमेंटी गाँधी
'को न हू'ढ सके तो आप सच शान्तिपूवंक अपने अपने घर लौट