पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/९७

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दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह

"हरे की बात क्यों माती !आपको पुरा अधिकार था कि आप वही

करें जोआपको योग्य मातम हो। मि० चैम्बरलेन की माँग से नेटाल सरकार पूरी तरह से सहमत है| हम यह्द चाहते देकि

अपराधियों को सजा हो। हमला करनेबाल्ों में से आप किसी को पहचान सकेंगे ” मैंने कह सम्भव है. एक दो आदमियों को मैंपहचाल सझूँ । पर यह बात आगे घढ़े उसके पढिले मै यहें

कह देना चाहता हूँकि मैंनेअपने दिल में बहुत पहिले सेयह निश्चय कर लिया हैकि मुकपर हमला करनेवल्ञों मेंसेकिसी पर भी मेंअदालत में भामता चलाना नहीं चाहता।मुमे तो आक्रमणकारियों का इसमें जरा भी दोष दिखायी नहींपा ।

उन्हें तोजो समाचार भिल्ले वेउनके अग्ुआओं के दिये हुए

थे । उनकी सचाई जाँचने केलिए वे लोग थोद़े दी बैठ सकते

हैं! मेरे विषय में उन्होंने जो कुछ सुना, बह अगर सत्य हो तोवेउत्तनित होकर जोश मेंकुछ अकार्य भी कर डालें,

तो मैंउन्हेंइसके लिए जरा भी दोष न दूँगा। उत्तेजिव जनता

इसी प्रकार न्याय मागती आयी है। अगर इसमें किसी का दोष है,तो इस विषय के लिए सगठित की गयी कमेही छा और आपका और इसीलिये नेटाल सरकार का । रूटर नेचाहे जो तार दिया होपर जिस द्वात्षत मेंमेंयहाँ आ। रहा हूँयह आपको मालूम

था तो आपका और उस फमेटो का यह धर्म था क्रि आपने और

उस कमेटी नेजो-जो तक किये उसके विषय में मुझे आप पूछ

लें,मेरे उत्तर सुन लें,और फिर जो योग्य मालूम हों, सो भत्ते ही करें। अब मुझपर किये गये हमले के लिए मैं आपपर था दस कमेटी पर मुकदमा नहीं चला सकता और यदिबेसे हो सछ्ता दो तो भी मैं नहीं चाहता कि अदालत के द्वारा न्याय प्राप्त कहोँ। जिस प्रकार आपको

उचित