पृष्ठ:दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह Satyagraha in South Africa.pdf/९८

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भारतीयों ने क्या किया !

मालूम हुआ, आपने नेटाल् के गोरों फे स्वत्वों की रक्षा के लिए यतन किया । यह तो राजनोति है। मुझे भी तो इसो क्षेत्र

मेंआपके साथ -जूमना है और आपको तथा अन्य गोरों को

यह बात दिखा देना हैकि हिन्दुत्तानी लोग ब्रिटिश साम्राज्य के

एक महान हिस्सेकी हैसियत से गोरों कोबिना कोई नुकसान

पहुँचाये केवल अपने स्वाभिमान और स्वत्वों की रक्षा करना चाहते हैं। मि० एस्कब ने कहा-“आपकने जो कुछ कहा में

सब समझ गया और वह मुझे पसन्द भी आया। में यह सुनने केलिए तैयार न था कि आप मुकदभा चत्षाना नहीं चाहते। पर अगर तेयार भो होते तो मैं अगप्रसन्‍न होता।पर जब कि आपने मामला न घत्नाने काअपना निश्चय प्रकट कर ही दिया

है,तो मुझे यह कहने मेंजरा भीसकोच नहीं होता कि आप बिल्कुज्ञ ठोक निश्चय पर पहुँचे हैं।इतना ही नहीं, बल्कि आप

अपने इस सयम के द्वारा हीअपनी कौम की अधिक सेवा

-करेंगे। साथ ही मुझे यह भी कथूज्न करना चाहिए कि अपने

इस कारये से आप नेटाल सरकार फो विषम स्थिति से बचा लेंगे। झगर आप चाहें तो हम पकड़ा-पकड़ी भी करेंगे पर आपको यह फहने की आवश्यकता नहीं कि इससे गोरों का क्रोध

फिर भड़के, अनेक प्रकार की टीकायें होंगी और यह सब किसी भी राज्यसत्ता को पसन्द नहीं होसकता। पर यदि आप

उस निश्चय पर पहुँच ही चुके हों तोआप इस आशय की एक

चिट्ठी मुझे लिख दें ।हमारी बात-चीत का सार मात्र लिखकर मैं

अपनी सरकार का बचाव चेम्बरलेन के सामने नहीं कर सकता

मुझे तो आपकी चिट्ठी केभावाथे का हो तार करना होगा।

यह फोई जरूरी बात नहीं किआप मुमे चिट्ठी अभो लिख दें। अपने मित्रों के साथ आप सलाह-सशवरा कर सकते हैं। मि०