पृष्ठ:दलित मुक्ति की विरासत संत रविदास.pdf/४९

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सामाजिक दृष्टि से उपेक्षित, आर्थिक दृष्टि से वंचित और राजनीतिक दृष्टि से तिरस्कृत सहस्र-सहस्र अकारण दंडित मनुष्यों में सिर ऊंचा करके चलने की शक्ति दी है और मनुष्यजीवन के उत्तम लक्ष्य तक पहुंचने की प्रेरणा दी है । " संदर्भ 1. 2. 3. 4. 5. डा. रामविलास शर्मा, सामन्तवाद: वर्ण व्यवस्था और जाति बिरादरी; पृ. 51 नया पथ; अप्रैल-जून, 2008; पृ. 15; (एजाज अहमद का लेख - हिंदुस्तान की तामीर ) के. दामोदरन; भारतीय चिन्तन परम्परा; पृ.-334 सावित्री शोभा; हिन्दू भक्ति साहित्य में सामाजिक मूल्य एवं सहिष्णुतावाद; पृ. - 11 सावित्री शोभा ; हिन्दी भक्ति साहित्य में सामाजिक मूल्य एवं सहिष्णुतावाद; पृ. - 9 52 / दलित मुक्ति की विरासत: संत रविदास