पृष्ठ:दासबोध.pdf/१६५

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दासबोध। [ दशक ३ वान् का भजन कैसे करें ? मन कहां रखें ? कृपा करके मुझे भगवद्भजन का लक्षण बतलाइये" ॥ ७२ ॥ इस प्रकार भाविक शिष्य उदासमुख से बोला और दृढ़ता के साथ पैर पकड़े । वह गद्गद्कंठ हो आया और दुख से उसके अश्रुपात होने लगे!॥ ७३ ॥ शिष्य की अनन्य भक्ति देख, सद्भाव से प्रसन्न होकर, श्री सद्गुरु ने कहा कि “अव अगले समासों में स्वानन्द उमड़ेगा" ॥ ७४ ॥ .