पृष्ठ:दुखी भारत.pdf/२५३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२३७
पश्चिम में कामोत्तेजना


इस व्यवसाय के भयङ्कर रूपों और प्रसार का वर्णन किया है[१] पेरिस के सम्बन्ध में लिखते हुए वे कहते हैं:—

"युद्ध के कुछ समय पूर्व एक एजन्सी की स्थापना हुई। इसका उद्देश्य यह है कि प्रत्येक स्त्री वह चाहे जिस दशा या परिस्थिति में हो,उसकी आर्थिक आय चाहे जो हो, उसका स्वभाव और धर्माचरण चाहे जैसा हो 'नवीन सम्भोग का अनुभव' करने के लिए लाई जा सकती है। और कोई भी पुरुष जो किसी अन्य स्त्री से सम्भोग करना चाहे, उसे इस एजन्सी से पत्रव्यवहार करने के अतिरिक्त और कुछ करने की आवश्यकता नहीं। हाँ उसे व्यय के लिए २५ फ़्रैङ्क भेज देना चाहिए और लिखना चाहिए कि वह जिस स्त्री के साथ सम्भोग करना चाहता है उसको क्या दे सकेगा। एजेन्सी तब उस कामी पुरुष की प्रार्थना उस स्त्री के पास पहुँचाती है। और उत्तर मिलने पर उसे सूचना देती है कि 'आपको अपना विचार छोड़ देना चाहिए। कम से कम इस समय में।' या इसके विरुद्ध प्रार्थना स्वीकृत हो जाती है तो उस व्यक्ति को यह सूचना मिलती है कि 'आपकी प्रार्थना धन्यवाद के साथ स्वीकार कर ली गई।' मुझे विश्वास दिलाया गया है कि दोनों ओर के पत्र-व्यवहार पढ़ने से बड़ी शिक्षा मिल सकती है। इससे पेरिस के सम्पूर्ण आर्थिक और सामाजिक संसार का प्रशंसनीय परिचय मिल जाता है।

मिस्टर ब्यूरो हमें इस बात का विश्वास दिलाते हैं कि यह व्यापार म्युनिसिपैलिटी और पुलिस के संरक्षण में डङ्के की चोट पर किया जा रहा है। और फ्रांस के सब परिस्थितियों के और सब विचारों के बहुसंख्यक ईमानदार व्यक्तियों की इसे मौन-स्वीकृति प्राप्त है। मार्च १९१२ ईसवी में पेरिस में जो द्वितीय राष्ट्रीय महासभा हुई थी उसमें 'ले बिलनला पोर्नोंग्रैफी' ने व्यभिचार के विरुद्ध एक विवरण उपस्थित किया था। मिस्टर ब्यूरो ने एक पाद-टिप्पणी में इस विवरण का निम्नलिखित अंश उद्धृत किया है:—

"इस सभ्य-व्यभिचार-व्यवसाय के साथ साथ और भी अनेक सस्ते और सुगम उपाय काम कर रहे हैं। बड़े दिन के त्योहार के समय सार्वजनिक नृत्यशाला में नर्तकियों पर चिट्ठी छोड़ी जाती है। वे स्वयं अपने आपको इस


  1. टुवर्ड्स मारल बैंक्रप्टसी। डाक्टर मैरी स्कार लीव लिखित भूमिका। लन्दन, कान्स्टैबुल—१९२५। पृष्ठ—१६।