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पृष्ठ:दृश्य-दर्शन.djvu/१४४

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नेपाल

उन्होंने इस शहर को छिन्न भिन्न कर डाला। इसमें भी अनेक मन्दिर हैं । यहाँ बौद्ध लोगों के चैतन्य और विहार भी बहुत से हैं। मत्स्येन्द्रनाथ और महाबुध के बहुत पुराने स्थान यहाँ हैं। वहाँ का दरवार नामक प्रासाद बहुत ही अच्छी इमारत है।

कीर्तिपुर एक छोटा सा क़स्बा है। उसमें सिर्फ पांच छः हज़ार आदमी रहते है। गोर्खा लोगों ने राज्य क्रान्ति के समय इसे बे-तरह विध्वस्त कर डाला था। तब से यह बुरी दशा में है। इसमें भैरव और गणेश के मन्दिर अवलोकनीय हैं।

भटगाँव काठमाण्डू से ७ मील है। इसकी आवादी कोई पचास हजार के करीब है। नेपाल में इस शहर की बस्ती सब से अधिक घनी है। देखने में भी यह बहुत सुन्दर है और साफ़ भी यह अधिक है। भटगाँव का दरवार नामक प्रासाद पहले बहुत बड़ा था। अब भी वह देखने लायक है। उसमें एक विशाल फाटक है। उसे लोग “सोने का फाटक" कहते हैं । यह फाटक बहुत प्रसिद्ध है। इसके शिल्पकार्य की फ़रगुसन साहव ने बड़ी प्रशंसा की है। भवानी,भैरव और गणेश के कई मन्दिर यहाँ हैं।

नेपाल में गोर्खा भी एक मशहूर शहर है। पर अब उसकी उतरती कला है। जिस समय गोर्खा लोगों का वह प्रधान शहर था उस समय उसकी शोभा कुछ और ही थी। उसमें कोई इमारत देखने लायक नहीं। पर अब भी उसमें कोई दस हज़ार आदमी बसते हैं।

काठमाण्डू से तीन मील पर पशुपतिनगर नाम का एक कसबा है। वह बागमती नदी के किनारे बसा हुआ है। वहां पशुपतिनाथ का