पृष्ठ:देवकीनंदन समग्र.pdf/१५५

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apei बहा- और नहीं तो क्या तुम चाहते हा कि छिलके,समेत खा जाता और पेट में दर्द हाता ता परदेश में वैद्य ढूँढता फिरता? वाह जी वाह अच्छी सलाह देने लगे !(नौकर की तरफ देखकर) इसे लजाकर किसी बैल के आगेडाल दे। बजाज-क्या आप राज इसी तरह खाते है ? बहादुर- नहीं तो क्या साल में एक ही दिन खाते हैं ? बजाज - एसे तो आपके खाने में बहुत खर्च पड़ता होगा? बहादुर-अजी हजारों रुपयों का भोजन करता है, इसके अलावे भग्न्यूटी का खर्च कहाँ तक बताऊ। सच पूछिये तो मैराजे महाराजों की चौथाईतहवील खा जाता हू।मरा पालना कुछ हसी-ठट्ठा थोडी ही है। अब दखिए यहाँ आया ही ह् आपसे जान-पहिचान हो ही चुकी है सब कुछ मालूम हो ही जायेगा। बजाज - अच्छा यह तो बताइय आपका नाम क्या है? बहा-(छाती ऊची करके) वहादुरसिह । बजाज-और रहते कहाँ हैं? बहा - लका में। बजाज - (ताज्जुब से) लका में? वहा-हॉ जी हाँ लका ने। बजाज-कौन लका? बहा-बड़ी लका। बजाज-(हस कर ) बड़ी लका कौन है और छोटी लका कौन है। बहा- छोटी लका वह जहाँ शिवभक्त रहते हों और बड़ी लका वह जहॉ शिव और उनके भक्त दोनों ही रहते हो अब समझे या कुछ और साफ-साफ समझाऊँ ? बजाज -- जी हाँ जरा खुलासा समझाइये। बहा-छोटी लका वह जो सोने की थी और जहाँ रावण रहता था। बडी लका काशी जो रत्न जडित है और जहाँ श्रीविश्वनाथ माई अन्नपूर्णा और उनके भक्त लाग रहते हैं। अगर अब भी न समझो तो हम जाते है, ऐसे नासमझ के पास रहना मुनासिव नहीं। यजाज-(हॅसकर) नहीं नहीं आप खफा न होइये मै सब कुछ समझ गया आपने पहिले ही क्यों न कह दिया कि मैं काशीजी रहता हूँ, साफन्साफ तो बात थी। वहा - क्या साफ-साफ कहना है, अजी कवि लोग विना घुमाये-फिराये कभी बात कहते हैं ? बजाज- क्या आप कवि भी है। बहा--जी हा बल्कि कपि भी हैं। इत्त कपि के कहने पर खुशदिल बजाज तथा और भी कई आदमी जो वहादुरसिह की सूरत देखने और बात सुनने के लिए आ गये थे, हँस पड़े। बजाज ने फिर कुछ पूछना चाहा मगर वहादुरसिह जोर से बोले- बस बस बस, अब मुँह मत खोलिये ऐसान होगा कि जन्म भर तुम ही सवाल करते जाओ और मै कुछ भी न पूछ्रे ॥ बजाज - अच्छा अच्छा आपको जो कुछ पूछना हो आप भी पूछ लीजिये। वहा- यह बताइये कि आज इस शहर में धूमधाम कैसी है, लोग दुकानों और मकानों की सजावट में क्यों लगे हैं? मैं तो कई दफे पहिले आ चुका हूँ मगर ऐसा तो कभी न देखा । बजाज - अजी हमारे कुँअर साहब की शादी न होने वाली है। यहा-हाँ कब कब? बजाज-यही आठ दस दिन में। बहा-बारात कहाँ जायेगी? बजाज - बस इसी शहर में घूमे-फिरेगी। बहा-सोक्या? राजों के लडकों की शादी तो किसीराजे ही की लडकीया बडे तोंद वाले जिमीदार कीलडकी से होनी चाहिए फिर शहर ही में किसकी लड़की से शादी होगी? बजाज-जी वह एक जिमीदार की लड़की है मगर लूट कर लाई गई है इसलिए इसी शहर में बल्कि महल ही में उस रक्खा गया है और वहाँ ही शादी भी होगी। बहा- वह किस कम्बख्त की लडकी लूटी गई है ! क्या वह देने को राजी नहीं होता था? बजाज-अजी राजा महाराजों के घर की बातचीत है इस तरह आम सडक पर नहीं कही जाती, बल्कि इस बारे में ज्यादै कहनान्सुनना भी मुनासिब नहीं। नरेन्द्र मोहिनी ११५७