पृष्ठ:द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र.djvu/१७२

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१५८ द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र (५९) ओम् रिप्लाइड अजमेर ५-१०-०८ ३-१०-०८ पण्डित जी महाराज लीजिए १-१०-०८ का आ० मित्र भी पढ़िए, सरस्वती के विषय में एक पैरा और दो लेख है, अब तो उत्तर देना ही चाहिए, वेद विख्यात जी का पूरा पता देना चाहिए। पं० रामचन्द्र शर्मा ने बि० एन० का उत्तर लिख दिया है। कल परसों में भेजेंगे, एक कापी आपके पास भी भेजी जायगी। कल लिफाफा भेजा है। शेष वृत्तांत उससे मालूम होगा। बा० मैथिलीशरण जी ने आपके फोटो की दो कापी भेजी है। धन्यवाद। भवदीय पद्मसिंह . (६०) ओम् अजमेर ९-१०-०८ मान्यवर पण्डित जी! प्रणाम पत्र और कार्ड यथासमय मिले, कई दिन से मेरी आंख में पीड़ा थी अब भी कुछ है इसलिए उत्तर में विलम्ब हुआ। विस्तृत उत्तर फिर लिखूगा। लोगों के पत्र-व्यवहार और प्रेरणा से तंग आकर परोपकारी में एक नोट हमें लिखना पड़ा, मजबूरी थी, क्षमा कीजिए। बेशक गलती की, बी० एन० के प्रलाप की कटिंग आपके पास व्यर्थ भेजी। अब न भेजूंगा। पं० रामचन्द्र जी के परिवार के लोग इस बीच में बीमार हो गये थे इसलिए वह लेख पूरा न कर सके। अब २-३ दिन में लिखेंगे। यदि आ० मित्र ने वह लेख न छापा तो कहां भेजें। कुशल लिखिए। अनुगत पद्मसिंह