पृष्ठ:द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र.djvu/२३४

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२२० द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र चाहिए। न मिरजापुर में इच्छा हो तो काशी ही में आकर रहिए। इस प्रकार अपने प्रति और मित्र वर्ग का परित्याग कर देना ठीक नहीं । आशा है आप उचित उत्तर देंगे। आपका वही रामचन्द्र शुक्ल बस्ती २५-५-०८ प्रियवर प्रणाम मुझे यहां आये आज पांच दिन हुए। एक कार्ड में आपकी सेवा में यहां से भेज चुका हूँ। उससे सब समाचार विदित हुए होंगे। आपका स्वास्थ्य अब कैसा है ? 'मेरी तबीयत तो यहां आने से ठीक हो गई है। बाबू राधाकृष्ण की जीवनी मैं यहीं ' से समाप्त करके बहुत शीघ्र भेजूंगा। सब लिख गई है केवल पत्र आदि स्थान स्थान' पर सन्निविष्ट करना है। आपको मैं थोड़ा कष्ट देता हूँ, नीचे लिखी पुस्तकें मेरे पास यहां पर नहीं है। मैं मिरजापुर छोड़ आया- (१) श्री गंगाप्रसाद गुप्त लिखित बाबू राधाकृष्णदास का जीवन चरित्र । (२) सभा के गृह प्रवेशोत्सव के समय की कविता और विवरण। कृपा करके ये दोनों चीजें शीघ्र भेज दीजियेगा। रिपोर्ट आदि भी जो मैंने मांगा था यदि भेज दीजिये तो अच्छा है। विशेषकर वे जिनमें उनका कुछ उल्लेख हो। बाबू श्यामसुन्दरदास के विषय में भी लिखिएगा। कोश विभाग का कार्य किस प्रकार चल रहा है ? बाबू श्यामसुन्दरदास बाहर गए? और जो नए समा- चार हों लिखिये, पत्र बराबर भेजते रहिएगा। गांव-अगौना डाक-कलवारी आपका जिला-बस्ती रामचन्द्र शुक्ल शीघ्रता के विचार से मैं एक टिकट रख देता हूँ। पता मेरा हिन्दी में ही लिखिएगा। पत्र इस पते से भेजिएगा:- रामचन्द्र शुक्ल गांव-अगौना पो० आo-कलवारी जिला-बस्ती