पृष्ठ:द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र.djvu/३७

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२० द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र चार दिन में वहीं जाने और सायंकाल तट पर बिताने का इरादा है। प्रार्थना के लिए अनेक धन्यवाद। बहुत दिन में आपने इस कविता को पूर्ण किया। आशा है 'सरस्वती' के पाठक इसे पढ़कर प्रसन्न होंगे। भवदीय महावीरप्रसाद द्विवेदी (२५) कानपुर १०-६-०६ बहुविध प्रणाम आपकी भेजी हुई अतीचारादिनिर्णय नामक चार पुस्तकें मिलीं। अनेक धन्यवाद। शतक का उत्तरार्द्ध देख लिया। बहुत उत्तम है। तबीयत लगे तो और भी कुछ लिखिए। विनत महावीर (२६) कानपुर १३-६-०६ प्रिय पंडित जी ११ ता० का कृपाकार्ड आया। २१ जून को घर जाने का इरादा है। प्रार्थना- शतक का संशोधन आने पर कर दिया जायगा। वीरांगना काध्य के लिए हम श्रीमान् के बहुत कृतज्ञ हैं! जान पड़ता है, श्रीमान् ने यह अनुवाद जल्दी में किया है। यदि श्रीमान कोई गद्य लेख भी किसी अच्छे विषय पर भेजें तो कृपा हो। विनत महावीरप्रसाद