पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१४२

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याचा रखियो तुम नित्य उस विधि से पर्य रखियो । १५ । सात दिन लो अखभौरी रोटी खाइयो पहिले ही दिन खमीर अपने घरों से उठा डालिया दूस लिये कि जो कोई पहिले दिन से लेके सातवें दिन लो खमौरी रोटी खायमा सो प्राणी इसराएल से काटा जायगा ।। १६ । और पहिले दिन पवित्र बुलाया होगा और सातवें दिन भी पवित्र बुलावा होगा उस में कोई कार्य न होगा केवल भाजन ही का कार्य हर एक मनुष्य से किया जाय ॥ १.७। और इस अखमौरी रोटो के पर्व को मानेगे क्योंकि उसी दिन मैं तुम्हारी सेना को मिस्र के देश से निकाल लाया हं इस लिये इस दिन को अपनी पीढ़ियों में विधि से नित्य माना ॥ १८। पहिले माम की चौदहवीं तिथि से सांझ को इक्कीसौं तिथि लो अख़मीरी रोटो खाइया ॥ १८ । मात दिन तुम्हारे घरों में खमीर न पाया जाये क्योंकि जो कोई खमीरी खायेगा बही प्राणी दूसराएल की मंडली से कारा जायगा चाहे परदेशी हे। चाहे देशी॥ २० । तुम कोई वस्तु खमीरी मत खाइयो तुम अपने समस्त बस्तियों में अखमीरी रोटी खाइयो। २१ । तब मसा ने दूसरा- एल के समस्त प्राचीनों को बुलाया और उन्हें कहा कि अपने अपने घर के समान एक एक मेम्ना लेयो और फसह का मेम्ना मारो॥ २२। और एक मुट्ठी जुफा ले और उसे उस लेह में जो बासन में है बार के द्वार को दोनों ओर उस्मे छापा यार तुम में से कोई बिहान लो अपने घर के द्वार से बाहर न जावे॥ २३। क्योंकि परमेश्वर मिसियों को मारने के लिये आरपार जायगा और जब बुह पटाव पर और दोनों द्वार की और लोहू को देखे तब परमेश्वर द्वार पर से बीत जायगा और नाशक तुम्हारे घरों में जाने न देगा कि मारे। २४ । और अपने और अपने संतानों के लिये विधि करके इसे नित्य मानिया ॥ २५ । और ऐसा होगा कि जब तुम उस देश में जो परमेश्वर तुम्हें अपनी बाचा के समान देगा प्रवेश करोगे तब इस सेवा का पालन करियो। २६ । चौर ऐसा होगा कि जब तुम्हारे संतान तुम से कहें कि इस सेवा का क्या अर्थ है। २७1 तब कहियो कि यह परमेश्वर के फसह का बलिदान है जो मिस्र में इसराएल के संतानों के घरों पर से बीत गया