पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१५१

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को पुम्नक। १४१ १६ सोलहवां पर्व । -फर उन्होंने ऐलीम से यात्रा किई और दूसराएल के मतानों की समस्त मडली मिस देश से निकलने के पीछे दूसरे माम को पंदरहवौं तिथि को सौना के बन में जो ऐलीम और सौना के मध्य में है पहुंची। २। और दूसराएल के संतानों की सारी मंडली मूमा और हारून पर बन में कुड़कुड़ाई ॥ ३ । और इमराएल के मतानों ने उन्हें कहा कि हाय कि हम परमेश्वर के हाथ से मिस्र के देश में मारे जाते जब हम मांस को हाड़ियों के लग बैठने थे और रोटी मन मनती खाते थे क्योंकि तुम हगें दूम बन में निकाल लाये हो जिसने सारी मंडली को भख से मार डाला। ४ । तब परमेश्वर ने मूसा से कहा कि देख में वर्ग से तुम्हारे लिय भोजन बरसाऊंगा और लोग प्रति दिन बंधेज से जाके बोर जिसने में उन्हें जांचं कि वे मेरो व्यवस्था पर चलेंगे अथवा नहीं। ५। और यों होगा कि वे छठवें दिन और दिन से दूना बटोरें और भीतर ला के पकायें॥ ६। सो मूमा और हारून ने इसराएल के समस्त संतानों से कहा कि मांझ को तुम जानोगे कि परमेश्वर तुम्हें मिस्र देश से बाहर लाया ॥ ७॥ और बिहान को परमेश्वर का ऐश्वयं देखोगे क्योंकि परमेश्वर के विरोध में बुह तुम्हारा कुड़कुड़ामा सुनता है हम कौन कि तुम हम पर कुड़कुड़ाने हो ॥ ८। और मूसा ने कहा कि यो होगा कि मंध्याकाल को परमेश्वर तुम्हें खाने को मांस और विहान को रोटी मनमनती देगा क्योंकि तुम्हारा झंझलाना जो तुम उस पर झंझलाते हो परमेश्वर सुनता है और हम क्या हैं तुम्हारी झुझलाहट हम पर नहीं परंतु परमेश्वर पर है। । फिर मूमा ने हारून से कहा कि इसराएल के संतान को मारी मंडली से कह कि परमेश्वर के म मौप आया क्योंकि उस ने तुम्हारा कुड़कुड़ाना मना । यो हुना कि जब हारून इसराएल के संतान की सारी मंडली को कहरहा था तब उन्हों ने वन की ओर दृष्टि किई और क्या देखते हैं कि परमेम्पर को महिमा मेघ में प्रगट हुई। ११ । और परमेश्वर ने मूसा से कहा। १२१ कि मैं ने इमराएल के संतानों का कुड़कुड़ाना सुना । २.। और