पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१६

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[३ पब ॥ उत्पत्ति और उम ने कहा कि किस ने तुझे जताया कि न नंगा है क्या त ने उस पेड़ से खाया जा मैं ने तुझे खाने से बरजा था ॥ १२॥ और मनुष्य ने कहा कि इस स्त्री ने जो तू ने मेरे संग रक्खी मुझे उस पेड़ से दिया और मैं ने खाया ॥ १३ । तब परमेश्वर ईश्वर ने उस स्त्री से कहा कि यह तू ने क्या किया है स्त्री बोली कि सर्प ने मुझे बहकाया और मैं ने खाया । १४। तब परमेश्वर ईश्वर ने सर्प से कहा कि जो तू ने यह किया है इस कारण तू सारे टार और हर एक बन के पशुन से अधिक सापित होगा तू अपने पेट के बल चलेगा और अपने जीवन भर धूल खाया करेगा। १५ । और मैं तुझ में और स्त्री में यार तेरे बंश और उस के बंश में बैर डालेगा वुह तेरे सिर को कुचिलेगा और तू उस की एड़ी को क्रुचि- लेगा॥ १६। और उस ने स्त्री को कहा कि मैं तेरी पीड़ा और गर्भ धारण को बहुत बढाऊंगा तू पौड़ा से बालक जनेगी और तेरी इच्छा तेरे पति पर होगी और बुह तुझ पर प्रभुता करेगा॥ १७॥ और उम ने आदम से कहा कि तू ने जो अपनी पत्नी का शब्द माना है और जिस पेड़ का मैं ने तुझे खाने से बरजा था लू ने खाया है इस कारण भूमि तेरे लिये स्वापित है अपने जीवन भर तू उरझे पीड़ा के साथ १८। बुह कांटे और ऊंटकरारे तेरे लिये उगायेगी और तू खेत का साग पात खायगा॥ १६ । अपने मुंह के पसीने से तू रोटी खायगा जब लो तू भूमि में फिर न मिल जाय क्योंकि तू उरखे निकाला गया इस लिये कि तु धूल है और धूल में फिर जायगा ॥ अादम ने अपनी पत्नी का नाम हवः रकवा इस कारण कि वुह समस्त जीवतों की माता थी ॥ २१ । और परमेश्वर ईश्वर ने आदम और उस की पत्नी के निये चमड़े के बोलने बनाये और उन्हें पहिनाये ॥ २२॥ और परमेश्वर ईश्वर ने कहा कि देखो मनुष्य भले बुरे के जान्ने में हम में से एक की नाई हुया और अब ऐसा न होवे कि बुह अपना हाथ डाले और जीवन के पेड़ में से भी लेकर खाने और अमर हो जाय ॥ २३। इस लिये परमेश्वर ईश्वर ने उस को अदन की बारी से बाहर किया जिसने बुह भूमि को किसनई करे जिस्को बुद्द लिया गया था ॥ २४ । सेो उस मनुष्य को निकाल दिया और अदन की बारी की पूर्व और करो खायगा। २०। और