पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१८

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उत्पत्ति परमेश्वर ने उसे कहा इस लिये जो कोई काइन को मार डालेगा तो उस्से सात गुन पलटा लिया जायगा और परमेश्वर ने काइन पर एक चिङ्ग रक्खा न हो कि कोई उसे पाके मार डाले ॥ १६ । तव काइन परमेश्वर के आगे से निकल गया और अदन की पर्व और नूद की भूमि में जा रहा ॥ १७॥ और काइन ने अपनी पत्नी को ग्रहण किया और बुह गर्भिणी हुई और उस्को हनूक उत्पन्न हुअा तब उसने एक नगर बनाया और अपने बेटे हनूक का नाम उस पर रकवा ॥ १८। और हनूक से ईराट् उत्पन्न हुआ और ईराद से महूयाऐल और महूया- ऐल से मतमाऐल और मतूसाऐल से लमक उत्पन्न हुआ॥ १८ । और लमक ने दो पत्नियां किई पहिली का नाम अदः और दूसरी का नाम जिसः था॥ २० । और अदः से थाबल उत्पन्न हुआ जो तंबूत्रों के निवासियों और ढोर के चरवाहों का पिता घा॥ २१ । और उस के भाई का नाम यूवल था वुह वीन और अरगन के सारे बजनियों का पिता या॥ २२ । और जिन्नः से तूबसकाइन उत्पन्न हुआ जो ठठेरों और लोहारों का शिक्षक था और तूवल कान की बहिन नश्चमः थी। २३ । पार लमक ने अपनी पत्नी अदः चार जिल्ला से कहा कि हे पनियों मेरा शब्द सुना और मेरे बचन पर कान धरो क्योंकि मैं ने एक पुरुष को अपने घाव के लिये और एक तरुण को अपने दुःख के लिये मार डाला ॥ २४ । यदि काइन सात गुन प्रतिफल लेवे तो लमक सतहत्तर गुन । २५ । यैार प्राट्स ने अपनी पत्नी को फिर ग्रहण किया और वुह बेटा जनी उस का नाम सेत रकदा क्योंकि ईश्वर ने हावील की संनी जिम का काइन ने गार डाला मेरे लिये दूमरा बंश ठहराया ॥ २६। और सेन को भी एक बेटा उत्पन्न हुआ और उस ने उस का नाम अनूस रकवा उस ममय से लोग परमेश्वर का नाम लेने लगे। ५ पांचवां पर्च दम की वंशावली का पत्र यह है जिन दिन में ईश्वर ने मनुष्य को उत्पन्न किया उस ने उसे ईश्वर के खरूप में बनाया ॥ २॥ उस ने उन्हें नर और नारी बनाया और जिस दिन ये सिरजे गये उस ने