पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१९

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। और की पुस्तक । उन्हें आशीष दिया और उन का नाम मनुष्य रक्षा ॥ ३। और एक सौ हौस बरस की बय में आदम से उसी के खरूप पर रूप में एक बेटा उत्पन्न हुआ और उस का नाम सेत रक्ता॥ ४। और सेव की उत्पनि के पीछे श्रादम की वय पाठ सौ बरम की हुई और उसो बेटे बेटियां उत्पन्न हुई।५। और आदम की सारी वय नव सौ तीस बरस की हुई चौर बुह मर गया ॥ ६। और सेत जब एक सौ पांच बरस का हुआ तब उरसे अनूम उत्पन्न हुआ। ७। और अनस की उत्पत्ति के पीछे सेत आठ सौ सात बरस जीत्रा और उहो बेटे बेरियां उत्पन्न हुई। ८। और सेत की सारी बय नब सौ बारह बरस की हुई और बुह मर गया । अमूस जब नब्चे बरस का हुआ तक उस्मे कीनान उत्पन्न हुआ। १० ॥ और कीनान की उत्पत्ति के पीछे अनम आठ मा पंदरह बरस जौबा र उ रुझे वेटे बेटियां उत्पन्न हुई। ११ । और अनूस की सारी बय नब सो पांच बरस की हुई और बुह मर गया॥ १२। चौर कीनान सत्तर बरस का हुआ और उसो महललिऐल उत्पन्न हुनी ॥ १३। और महललिऐल की उत्पत्ति के पीछे कीनान आठ सौ चालीस बरस जीना और उसमे बेटे बेरियां उत्पन्न हुई। १५ । और कीनान की सारी बय नव सौ दस बरस की हुई और बुह मर गया ॥ १५ । और महललिऐल जब पैंसठ बरम का हुआ तब उसमे विरद उत्पन्न जन्मा॥ १६। और महललिऐल विरद की उत्पत्ति के पीछे अाठ मोतीस बरस जीत्रा और उसे बेटे बेटियां उत्पन्न हुई॥ १७। और महललिऐल की सारी क्य अाठ सौ पंचानवे बरस की हुई और वुह मर गया॥ १८ । जब विरद एक सौ बासठ बरस का डना तब उझे हनूक उत्पन्न जा॥ १६ । और हनूक की उत्पत्ति के पीके विरद आठ सौ बरस जीश्रा और उसे बेटे बेटियां उत्पन्न हुई॥ २०। और विरद की सारी बय नव सी बासठ बरस की हुई और बुह मर गया। २१ । जव हनूक पैंसठ वरस काऊया तो उसो मनूमि नह उत्पन्न जना ॥ २२ और हनूक मतूसिलह की उत्पत्ति के पौके तीन सौ बरस लो ईश्वर के साथ साथ चला और उसे बेटे बेटियां उत्पन्न हुई। २३ । और हनूक की सारी बय तीन सौ पैंसठ वरस की हुई॥ २४ । और हनूक ईश्वर के साथ साथ चलना था और वुह न मिला [A. B.S.] 2