पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२०६

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नेच्यव्यावस्था [२ पर्व लिये होये तो चुह निष्वाट नरुख तावे ॥ ११ । और उसे परमेश्वर के भागे बेटे की उमर दिशा में बलि करे और हारून के बेटे याजक उस के लोह को बेदी पर चारों और हिसके । १२ । फिर चुह उस के टुकड़ों और सिर और चिकनाई को अलग अलग करे और याजक उन्हें उन लकड़ियों पर जो वेदी की अाग पर हैं चुने ॥ २३ । परंतु ओझ और पगों को पानी में धावे और याजक सभी का लेके बेदी पर जलावे यह होम का बलिदान जो परमेश्वर के सुगंध के लिये भेंट किया गया । ९४ । और यदि उस के होम का बलिदान परमेश्वर की भेट के लिये पक्षियों में से हो तो वुह पिण्डुकी अथवा कपोन के बच्चों में से भेंट लावे । १५ । और याजक उसे नदी पर लाके उस का मिर मरोड़ डाले और उसे बेदी पर जला दे और उस के लोह को बेदी की अलंग पर निचोड़े। १६ । और उस के झोक को पर सहित निकाल के दौ की पूर्व अलंग राख के स्थान में फेंक दे ॥ १७॥ और बुह उसे उस के डैने सहित काटे परंतु अलग न कर डाले तब याजक बेदौ की आग पर को लकड़ियों पर उसे जलावे यह होम का बलिदान जो परमेश्वर के सुगंध के लिये आग से भेंट किया गया। २ दुसरा पर्व। पर अब कोई भोजन की भेर परमेश्वर के लिये लाये तो उस की भेट चोखा पिसान हो और बुह उस पर तेल डाल के उस के अपर गंधरस रवखे ॥ २। और बुह उसे हारून के बेटों के पास जो याजक हैं लाये और चुह उस पिमान में से और तेल में से और समस्त गंधरस सहित मुट्ठी भर लेबे और याजक उस के सारण का बेदी पर जलावे यह अानंद का सुगंध परमेश्वर की भेंट के लिये है। ३। और भोजन की भेंट का उबरा हुआ हारून और उस के बेटों का होगा यह होम की भेंट में से परमेश्वर के लिये अत्यंत पवित्र है॥ ४ । यदि तुम्हारी भेंट भोजन को भेंट भट्ठी में की पक्की हुई हो तो अखमौरी पिसान अथवा अखमोरी चपातियां नेल से चुपड़ी हुई होवें ॥ ५। और यदि तेरो भेट भोजन को भेट तवे की होके अखमोरी नेल से मिली हुई चाखे