पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२३२

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लैव्यव्यवस्था पिसान नेल से मिला हुला भेट के बलिदान के कारण और एक चांगी तेल ॥ २२। और दो पिण्डकियां अथवा कपात के दो बच्च जैसा बुह पा मके लेवे उन में से एक पाप की भेंट और दूसरा होम की भेंट का होगा। २३ । और बुह उन्हें श्राठवें दिन अपने पवित्र होने के कारण मंडली के तंबू के द्वार पर परमेश्वर के ग्रागे याजक पास लावे ॥ याजक अपराध की भेंट का मेन्ना और एक चांगी तेल लेबे और बुह उन्हें परमेश्वर के आगे हिलाने की भेंट के लिये हिनावे ॥ २५ । फिर वह पाप की भेंट के मेने को बलि करे और याजक पाए की भेट के लोहू में से कुछ लेके उम के जो पवित्र किया जाता है दाहिने कान की लहर पर और दाहिने हाथ के अंगठे और दाहिने पांच के अंगूठे पर लगावे ।। २६। और उस तेन में से कुछ अपनी बाई हथेली पर डाले ॥ और याजक उम तेल में से जो उम को वाई इथली पर है थोड़ा सा अपनी दहिनी अंगुली से परमेश्रर के आगे सात बार छिड़के। २८ । और याजक उस तेल में से जो उम की हथेली पर है उस के जो पवित्र किया जाता है दहिने कान की लहर पर और उस के दाहिने हाथ के अंगूठे और उस के दहिने पांव के अंगूठे पर पाप की भेंट के लोहू के स्थान पर लगावे ॥ २८ । और याजक उबरे जर तेल को जो उस की हथेली पर है उस के सिर पर जा पवित्र किया जाता है डाले कि उम के लिये परमेश्वर के आगे प्रायश्चित्त करे। ३० । और बुह उन पिण्डुकियों में से अथवा कपोत के बच्चों में से जो उस के हाथ लगे॥ ३१ । एक तो पाप की भर के लिये और दूमरा होम की भट के लिये भोजन की भेट के माय चढ़ावे और याजक उस के लिये जो पवित्र किया जाता है परमेश्वर के आगे प्रायश्चित्त करे। ३२। यह उस कोढ़ी की मरी की व्यवस्था है जो अपने पवित्र करने की पूंजी न रखता हो।। ३३ । फिर परमेश्वर मूमा और हारून से कहके बोला ॥ ३४ । कि जब तुम कनान देश में पहुंचो जा मैं तुम्हें अधिकार के लिये देता हूं और मैं तुम्हारे अधिकार के देश के किमी घर में कोढ़ की भरी ला॥ ३५ । तब उस घर का खामी याजक पास आके कहे कि मुझे ऐसा दिखाई देता है कि घर में कुछ मरौ सौ है॥ ३६ । तब याजक आज्ञा करे कि वे उस घर को उन्हो आगे कि याजक मरी को देखने जाय