पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२४७

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२१ पद २२ एक्कीसवा पर्छ। फर परमेश्वर भूसा से कह के बोला कि हारून के बेटे याजकों से कह और उन्हें बोल कि अपने लोगों की मृत्यु के कारण कोई अशुद्ध न हेावे ॥ २ । परंतु अपने समौषौ कुटुम्ब के लिये अपनी माता अपने पिता अपने पुत्र अपनी पुत्री और अपने भाई के लिये ॥ ३। और अपनी कुंवारी बहिन के लिये जो अनत्र्याही है उस के कारण बुह अशुड हावे ॥ ४ ॥ जो अपने लोगों में प्रधान है सो आप को अशुद्ध न करे जिसने आप को हलक करे। ५। वे अपने मिरों के बाल न मुड़ावें और अपनी दाढ़ी के कोनों को न मुडाचं और अपने मांस को न काटें ॥ ६। वे अपने ईश्वर के लिये पवित्र बने और अपने ईश्वर के नाम को हलुक न करें क्योंकि वे परमेश्वर के लिये आग की भेट ईश्वर को भोग लगाते हैं से वे पवित्र होंगे। । वे बेश्या को अथवा नच्छ को पत्नी न करें और न उस स्त्री को जो पति से त्यागी गई है क्योंकि वे अपने ईश्वर के लिये पवित्र है। । दूस लिये तू उसे पवित्र कर क्योकि वुह तेरे ईश्वर का भोजन चढ़ाता है बुह तेरे लिये पवित्र होवे क्योंकि मैं परमेश्वर म्हारा शुडकली पवित्र हं॥ । और यदि किसो याजक को पुत्रौ ये या का कम्भ करके आप को तुच्छ करे बुह अपने पिता को तुच्छ करता है यह आग से जलाई जायगी। १० । और वुह जो अपने भाइयों में प्रधान याजक है जिस के सिर पर अभिषेक का तेल डाला गया और जा स्थापित किया गया कि बस्त्र पहिने से अपना सिर नंगा न करे और अपने कपड़े न फाड़े॥ ११ ॥ बुह किमी लोय के पास न जाय और न अपने पिता और न अपनी माता के लिये श्राप को अशट्ट करे। १२। और कधी पवित्र स्थान से बाहर न जाय और अपने ईश्वर के पवित्र स्थान को तुच्छ न करे क्योंकि उस के ई श्रर के अभिषेक के तेल का मुकुट उम पर है मैं परमेश्वर है॥ १३ । और बुह कुंआरी को पत्री करे ॥ १४ । विधवा अथवा त्यागी गई अथवा तुच्छ अथवा बेश्या को न लेवे परंतु वह अपने ही लोगों के बीच में की कुंआरी से विवाह करे॥ १५ । अपने वंश को अपने लोगों में तुछ न करे क्या कि मैं परमेश्वर उसे पवित्र करता हूं। १६ । फिर परमेश्वर मूसा से कहके