पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२९६

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पि गिनती मिरयम बाहर रही लोगों ने यात्रा न किई॥ १६। उस के पोछ लोगों ने हमीरात से यात्रा किई और फारान के अरण्य में डेरा किया। २३ तेरहवां पय॑ । फर परमेश्वर ने मूसा को बचन कहा ॥ २॥ कि लोगों को भेज जिसने वे कनान के देश का भेद ले। जो मैं इसराएल के संतानों को देता हं एक एक मनुष्य उन के पितरों की हर एक गोष्ठी में से भेज उन में से हर एक प्रधान होवे। ३। और परमेश्वर की प्राज्ञा से मूमा ने फारान के अरण्य से उन्हें भेजा रे सारे मनुष्य इसराएल के संतामों के प्रधान थे। ४। उन के ये नाम रूबिन को गोष्ठी में से जकर का बेटा एमूअ॥ ५। और समग्रम की गोष्ठी में से हरी का बेटा सफत ॥ ६। और यहूदाह की गोष्ठी में से यफु.नः का बेटा कालिब ॥ ७। और इशकार की गोष्ठी में से यमुफ का बेटा इजाल ॥ ८। और इफरायम की गोष्ठी में से नून का बेटा इमोअ॥ । और बिनयमीन को गोष्ठी में से रफ का बेटा फिलती ॥ १.। और जबुजून की गोष्टी में से भूदी का बेटा जदिएन । २९ । और युसुफ की गोष्ठी में से अथात् मुनस्यों की गोष्ठी में से सूसी का बेटा जहौ॥ १२ । दान की गोष्ठी में से जमलो का बेरा अमिएन । १३ । औरर यसर की गाड़ी में से मौकाएल का बेटा शिनूर ॥ २४ । और नफ़ताली को गोष्टी में से वफली का बेटा नखबी॥ १५ । जद की गोष्ठी में से माकी का बेटा जियूऐन ॥ १६ । सो उन के नाम जिन्हें मूसा ने देश के भेट लेने के लिये भजा ये हैं और मूसा ने नन के बेटे मौत्र का नाम यहश्च रक्खा। १७। और मूमा ने उन्ह भेजा कि कनान के देश का भेद लेवें और उन्हें कहा कि तुम दक्षिण दिशा मे चढ़ जाया और पहाड़ के ऊपर चले १८ । और देश को और उन लोगों को जो उम में बसने हैं देखियो कि वे कैसे हैं प्रवल अथवा निर्बल थोड़े हैं अथवा बहुत ॥ १६ । और बुध देश जिस में वे रहते हैं कैसा है भला अथवा बुरा और कैसे कैसे नगर जिन में वे बसते हैं तंबूओं में हैं अथवा गढ़ में ॥ २०। और देश कैसा है फलचंत है अथवा निष्फल उस में पेड़ है अथवा नहीं तुम हियार जाना।