पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३०४

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जीर गिनती [१६ पर्व मन का और आंखों का पोश न करो जैसे तुम आगे ब्यभिचार करते थे। ४० । जिमतें तुम मेरी सब अाज्ञाओं को स्मरण करो और उन का पालन करो और अपने ईश्वर के लिये पवित्र हे।ओ४१ । मैं परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर हूं जो तुम्हें मिस की भूमि से बाहर लाया कि तुम्हारा ईश्वर होऊं मैं परमेश्वर लम्हारा ईश्वर हे ॥ १६ सेलिहता पर्च। पर लापी के बेटे कुहास के बेटे इज़हार के बेटे किहात कुरह और रूबिन के बेटे दातन और अविराम इलिअब के बेटे और फलत के वेट ओन ने लोगों को गांठा । २। वे इसराएल के संतान में से अढ़ाई मा सभा के प्रधान जो मंडली में नामौ और लोगों में कीर्तिमान थे उन्हें लेके मूमा के सन्मुख खड़े हुये ॥ ३ । तव भूमा और हारून के विरोध में एकडे होके उन्हें बोले कि श्राप को बहुत बढ़ाते हो मंडली में तो हर एक मनुष्य पवित्र है और परमेश्वर उन में है से किस लिये परमेश्वर की मंडली से आप को बढ़ाने हो । ४। मूला यह सुन के औरंधे मुंह गिरा ॥ ५। फिर उस ने कुरह और उस को सारी जथा को कहा कि कल ही परमेश्वर दिखावेगा कि कौन उस का है और कौन पवित्र है और अपने पास पहुंचावेगा अर्थात् उसी को जिसे उस ने लिया है अपने पास पहुंचायेगा॥ ६ । सो हे कुरह और उस की सारी जथा तुम यह करो अपनी अपनी धुपावरी लेओ। ७। और उन में भाग राहो और कल परमेश्वर के आगे उन में धूप जला चौर यो होगा कि जिस मनुष्य को परमेश्वर चुनता है वहीं पवित्र होगा हे लावी के वेटो तुम श्राप को बढ़ाते हो ॥ ८ । फिर मसा ने कुरह से कहा कि हे लावी के बेरो मुन रखो॥ । तुम क्या उसे छोटा जानते हो कि इसराएल के ईश्वर ने तुम्हें इसराएल की मंडली में से अलग किया कि अपने पास लाके परमेश्वर के तंबू की सेवा करावे और मंडली की सेवा के निये खड़े रहो ॥ १.। और उस ने तो तेरे समस्त भाई लावौ के बेटे तेरे संग अपने पास किया अब तुम याजकता भी ढूंढ़ते हे। ॥ ११। इस कारण तू और तेरी सारी जथा परमेश्वर के विरोध पर एकट्ठी हुई है और