पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४७६

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(२२ पढ़ छुड़ाया। यहसून जो उम के साथ थे ये बातें सुनी जो रूबिन के संतान और जद के संतान और मुनसौ के संतान ने कहीं तब उन को दृष्टि में अच्छा लगा ॥ ३१। तब इलिअजर के बेटे फौनिहास याजक ने रूबिन के संतान और जद के संतान और मुनमी के संतान से कहा कि आज के दिन हम देखते हैं कि परमेश्वर तम्भ है इस कारण कि तुम ने परमेश्वर का अपराध न किया क्योंकि तुम ने इसराएल के संतान को परमेश्वर के हाथ से ३२। तब इलिजर का बेटा फौनिहास याजक और अध्यक्ष और रूबिन के संतान और जद के संतान पाम से जिलिबद की भूमि से कनान के देश में इसराएल के संतान पास फिर आये और उन पाम संदेश पहुंचाये ॥ ३३ । और उसी बात से इसराएल के संतान प्रसन्न हुए और इसराएल के संतान ने ईश्वर की स्तुति किई और न चाहा कि युद्ध के लिये उन पर चढ़ जायें और उस देश को जिस में रूबिन के सतान और जद के संतान बसते थे उजाड़ देवें॥ ३४॥ सब रूबिन के संतान और जद के संतान ने उस बेदी का नाग सातौ रक्खा क्योंकि हमारे मध्य में एक साक्षी ठहरी कि परमेश्वर ईश्वर है २३ तेईसा पर्छ । जा ब परमेश्वर ने इसराएल को उन के सारे शबुन से चैन दिया तो बहुत दिन पीछे यों हुआ कि यह सूअ हड्ड और दिनी हुअा ॥ २। तब यहसूत्र ने सारे इसराएल और उन के प्राचीन और उन के प्रधान और उन के न्यायौ और उन के कड़ारों को बुलाया और उन्हें कहा कि मैं उड्न और दिनी हं॥ ३। और सब कुछ जो परमेश्वर तुम्हारे ईश्वर ने उन सब जातिगणों के साथ किया देख चुके हो क्योंकि परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर आप तुम्हारे लिये लड़ा॥ ४। देखो मैं ने चिट्टी डाल के इन सब जातिगण को जो बचे हैं तुम्हारी गोष्ठियों के लिये यरदन से लेके समस्त जानिगणों के साथ जिन्हें में ने काट डाला है अर्थात् अस्त की और महा समुद्र लो अधिकार दिया ॥ ५ । चैार परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर वहीं उन्हें तुम्हारे आगे निकाल देगा और तुम्हारी दृष्टि से दूर करेगा और तुम उन की भूमि को वश में करोगे जैसी कि परमेश्वर तुम्हारे 1