पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५३०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

न्यायियो किया। साथ नगर से उठे तो विनयमीनियों ने पीछे दृष्टि किई और क्या देखते हैं कि नगर से खर्ग लो लार उठ रही है॥ ४१। और जब इसराएल के संतान फिरे तब बिनयमौन के मनुष्य घबराये क्योंकि उन्हों ने देखा कि हम पर विपत्ति श्रा पहुंची॥ ४२। इस लिये उन्हों ने इसराएलियों से भाग के अरण्य का मार्ग लिया परंतु संग्राम ने उन्हें जाही लिया और जो नगरों से निकल आये थे उन्हो ने अपने बीच में नाश ४३ । उन्हों ने यो बिनयमोनो को घेरा और खेदा और महज से जिवित्रा के साम्ने पूर्व दिशा में लताड़ा ॥ ४४। और अठारह सहस्र बिनयमौनी जूझ गये ये सब बीर थे ॥ ४५ । सेो वे फिरे और सम्मान की पहाड़ी को और अरण्य में भाग गये और उन्होंने राज मागों में चुन चुन के पांच सहस्र पुरुष मारे और जिट्कम ला उन का पीछा किया और दो महन और मारे॥ ४६ । सो सब बिनयमौनी जा उस दिन जुझे पचौस सहस्र खङ्गधारी बीर थे। ४७। परंतु वः सौ मनुष्य बन की और फिर के रूम्मान पहाड़ी को भाग गये और चार मास रूम्मान पहाड़ी में रहे। ४८। तब इसराएल के मनष्य बिनयमीन के संतान पर फिरे और बसतो के पुरुष और पशु और सब को जो उन के हाथ लगा मारा और जिस जिम नगर में आये उसे फेंक दिया। अ २१ एकीसवां पढ़। व दूसराएल के संतानों ने मिमफः गे यह कहके किरिया खाई थी कि हम में से कोई अपनी बेटी बिनयमौन को न देगा। और लोग ईम्वर के मंदिर को आये और ईश्वर के प्रागे मांझ ले चिन्माये और बिलख बिलख रोये। ३। और बोले कि हे परमेश्वर दूसराएल के ईश्वर इसराएल पर यह क्या हुआ कि इमराएल में अाज के दिन एक गोष्ठी घट गई । है। और यों हुआ कि बिहान को उठके उन लोगों ने वहां एक बेदी बनाई और होम को भेट चौर कुशल की भेटें चढ़ाई। ५। और दूसराएल के संतानों ने कहा कि मंडली में मराएल की सारी गोष्ठियों में से परमेश्वर की मंडली के संग कौन कौन नहीं चढ़ा क्योंकि उन्हों ने उस के विषय में बड़ी किरिया खाई थी कि