पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५८४

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[२० पब समूएल पास लाओ जिसने में उसे मार डालं ॥ १६ । और जब दूत भौतर आये तब क्या देखते हैं कि बिहोने पर एक पुतला पड़ा है और उस के सिर तले बकरियों के रोम की तकिया है॥ १७॥ तव साजल ने मौकल से कहा कि तू ने मुझ से क्यों ऐसा कूल किया और मेरे बेरौं को निकाल दिया और बुह बच गया से मौकल ने साजल को उत्तर दिया कि उम ने मुझे कहा कि मुझे जाने दे नहीं तो मैं तुझे मार डालूंगा। १८। और दाऊद भागा और बच रहा और रामात में समूएल पास गया और जो कुछ कि माजल ने उसे किया था सब उसे कहा तब वुह और समूएल दोनों नायूत में जा रहे ॥ १६ । और माऊल को यह कहा गया कि देख दाऊद रामात में नायूत में है ॥ २० । और साऊल ने टूतों को भेजा कि दाजद को पकड़ें और जब उन्हों ने देखा कि आगम- ज्ञानियों की जथा भविष्य कहती है और समूएल ठहराये हुए के समान उन में खड़ा है तब ईश्वर का आत्मा साजल के दूतों पर उतरा और वे भी भविष्य कहने लगे ॥ २१ । और जब माऊल को कहा गया उस ने और दूत भेजे और वे भौ भविश्य कहने लगे तब माऊल ने तीसरे बार भेजे और वे भी भविष्य कहने लगे॥ २२। तब बुह आप रामात को गया और उस बड़े क ए पर जो मैक में है पहुंचा और उस ने पूछा कि समूगल और दाऊद कहां हैं एक ने कहा कि देख वे नायूत में हैं। २३ । तब वह रामात नायत की ओर चला और ईश्वर का आत्मा उस पर भी पड़ा और घुह बढ़ा गया और रामान के नायूत लो भविष्य २४। और उस ने भी अपने कपड़े उतार फेंके और समूएल के प्राग उस के समान भविष्य कहा और उस रात दिन भर नंगा पड़ा रहा इसो लिये यह कहावत हुई कि क्या माऊल भी आगम ज्ञानियों में है। २० बीसवां पाई। व दाऊद नायत रामात से भाग के यहनतन पाम आया और उसे कहा कि मैं ने क्या किया मेरा क्या अपराध है मैं ने तेरे पिता का कौन सा पाप किया है जो वुह मेरे प्राण का गांहक है। २। और वह और दूत कहता बाया॥