पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६६९

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२ पुस्तक और सटूक याजक और नतन आगमज्ञानी उसे बहां इसराएल पर राज्याभिषेक करें और तुरही फूंक के बोला कि ईश्वर सुलेमान राजा के जीता रकवे ॥ ३५। तब उम के पीछे पीछे चले आओ जिसने वह भावे और मेरे सिंहासन पर बैठे क्योंकि मेरौ संती वही राजा होगा और मैं ने ठहराया है कि दूसराएल पर और यहूदाह पर वहीं प्रभुता करे । ३६ । तब यहयदः के बेटे बिनायाह ने राजा का उत्तर देके कहा कि श्रामौन मेरे प्रभु राजा का ईश्वर परमेश्वर भी ऐसा ही कहे॥ ३७। जिस रीति से परमेश्वर मेरे प्रभु राजा के संग था उसो रीति से सुलेमान के संग होवे और उस के सिंहासन को मेरे प्रभु दाजद राजा के सिंहासन से श्रेष्ठ करे। ३८ । सो मदूक याजक और नतन आगमनानी और यहूयदः का बेटा बिनायाह औऔर करौती और पलीतो आये और सुलेमान को दाऊद राजा के खच्चर पर चढ़ाया और उसे जैहन को लाये ॥ ३६। और वहां सटूक याजक ने तंबू से एक सीग में तेल लिया और सुलेमान को अभिषेक किया तब उन्हों ने तुरही फंको और सब के सब बोले को सुलेमान राजा के ईश्वर जीना रकदे ।। और समस्त लोग उस के पीछे पौधे चढ़ पाये और लोग बांसली बजाते बजाते बड़े आनंद करने लगे ऐसा कि भूमि उन के शब्द से फट गई ॥ ४ ६ । और अनियाह ने और उस के साथ के समस्त नेउतहरौ ने सना और ज्यों वे खा चुके और यूब तुरुही का शब्द सना नो बोला कि नगर में यह क्या कोलाहल और हौरा है। ४२ । बुह यह कह रहा था कि देखा अविध तर याजक का बेटा यङ्गन तन आया और अदूनियाह ने उसे कहा कि प्रा क्योकि त बौर है और मुसंदेश लाता है। ।३। तब यहूनतन ने अट्टनियाह से कहा कि निश्चय हमारे प्रभु राजा दाजद ने मुलेमान को राजा किया है। और राजा ने सटूक याजक को और नतन आगमज्ञानी को गौर यहूयदः के बेटे बिनायाह को और करीती और पलीतो को उस के साथ भेजा और उन्हों ने राजा के खचर पर उसे चढ़ाया। ४५। और सदूक याजक और नतन आगमज्ञानी ने जेहन में उसे राज्याभिषेक किया और वे वहां से ऐसा आनंद करते हुए फिरे हैं कि नगर गूंज गया तुम ने वही शब्द सुना है।। है । और मुलेमान राज्य सिंहासन पर भी बैठा ४०। ४४।