पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६९४

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राजावलो [२. पय और घोड़चह्नों के नगर के लिये और सुलेमान की बांछा जो उस ने बांका किई थी यरूसलम और लबनान में और अपने राज्य के सारे देश में बनाये । २० । सारे लोग जो अभूरियों और हिनियों और फरन्जियां और हवियों और यवसियों से बच रहे थे जो इसराएल के संतान न थे॥ २१। उन के संतान जो देश में उन के पीछे बचे रहे जिन्हें इसराएल के संतान सर्वथा मिटा न सके उन्हों से सुलेमान ने आज के दिन लो दासत्व की सेवा का कर लिया ॥ २२। परंतु इसराएल के संतानों में से किसी को सुलेमान ने टास न बनाया परंतु वे उसके योड्डा और सेवक और अध्यक्ष और सेनापति और सारथी और घोड़चढ़े थे ॥ २३ । और सुले- भान के कार्यों पर पांच सौ पचास श्रेष्ठ प्रधान थे जो बनिहारों पर आना. कारी थे॥ २४ । परंतु फिरजन की कन्या दाऊद के नगर से निकल के अपने घर में आई जो सुलेमान ने उस के लिये बनाया तब उस ने मिलो को बनाया। २५ । और जा यसबेदी सलेमान ने परमेश्वर के कारण बनाई थी उस पर बरस में तीन बार होम को भेटें और कुशल को भेटे चढ़ाई थी और उस ने उस पर परमेश्वर के आगे सुगंध जलाया से यह उस घर को बना चुका। २६ । फिर सुलेमान राजा ने अदम के देश में लाल समुद्र के तौर पर असयनजत्र में जो ईलत के पास है जहाजों को बहौर बनाई॥२७और हीराम ने सुलेमान के सेवकों के साथ उसी वहौर में अपने सेवक मला को जो समुद्र के जानकार थे भेजे। २८ । और वे ओफौर को गये और वहां से चार सौ बीस तोड़े सेाने लेके राजा सुलेमान पास आये ॥ २० दसवां पब। पर जब सिबा की रानी ने परमेश्वर के नाम के विषय में सुलेमान का यश सना नो वुह गूढ़ प्रश्नों से उस की परीक्षा लेने आई ॥ २ ॥ वुह बहुत से लोगों के और सगंध द्रव्य लदे हुए जर और बहुत सेना और मणि के माथ बड़ी भीड़ से यरूसलम में आई और उस ने सुलेमान पास आके सब जो उस के मन में था उसे पूछा ॥ ३। और सुलेमान ने उस के समस्त प्रश्नों का उत्तर दिया और राजा से कोई वस्तु किपी न औ